Thursday 27 April 2017

‘बाहुबली 2’ का रिव्यू... कौन पढ़ना चाहता है...?


-दीपक दुआ...

क्या सचमुच आप जानना चाहते हैं कि बाहुबली 2’ कैसी फिल्म है? क्या आप बाकी फिल्मों की तरह इसका भी रिव्यू पढ़ कर ही यह फैसला करेंगे कि इसे देखा जाए या नहीं? और मान लीजिए, यह फिल्म सचमुच खराब हुई, समीक्षकों ने इसकी बुराई करते हुए इसे सिर्फ 1-2 स्टार दिए तो क्या आप इसे बिल्कुल नहीं देखेंगे?

इन सवालों पर गौर करें तो पता चलता है कि इनमें से ज्यादातर सवाल अब बेमतलब हो चुके हैं। कोई माने या माने लेकिन सच यही है कि किसी भी छोटी-बड़ी फिल्म के आने पर उसे देखने या देखने का दर्शकों का इरादा दूसरों से मिलने वाले फीडबैक से काफी ज्यादा प्रभावित होता है। यह फीडबैक पेशेवर फिल्म समीक्षकों की तरफ से आए, यार-दोस्तों से, फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर मिले या फिर किसी और स्रोत से, अगर पता चल जाए कि जिस फिल्म को हम देखने की योजना बना रहे हैं, वह काफी खराब है तो बहुतेरे दर्शक टिकट खरीद कर उसे देखने का इरादा रद्द कर देते हैं। इसी तरह से किसी फिल्म को लेकर असमंजस में पड़े दर्शक अक्सर उसकी तारीफें सुन कर उसे देखने चल पड़ते हैं।

लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो समीक्षाओं के असर से परे होती हैं। ये फिल्में वे होती हैं जिन्हें देखने का इरादा दर्शक पहले से ही कर चुके होते हैं और उन्हें सचमुच इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कोई उस फिल्म के बारे में क्या कह रहा है। बाहुबली 2’ भी ऐसी ही फिल्म है। 10 जुलाई, 2015 को जब बाहुबलीरिलीज हुई थी तो इसने आते ही कमाई के नए रिकॉर्ड बनाने शुरू कर दिए थे। पहले दिन करीब साढ़े पांच करोड़ की कलैक्शन इससे पहले किसी भी डब फिल्म को हिन्दी के बाजार में नहीं मिली थी। पहले तीन दिन में करीब सवा बाईस करोड़ रुपए बटोर कर इस फिल्म ने जता दिया था कि इसमें कितना दमखम है। इससे पहले रजनीकांत की रोबोटएक हफ्ते में 11 करोड़ और कुल जमा 18 करोड़ की कलैक्शन करके हिन्दी में डब हुई फिल्मों में सबसे आगे खड़ी हुई थी। यहां यह भी गौरतलब है कि रोबोटमें जहां रजनीकांत, ऐश्वर्या राय बच्चन, डैनी डेंज़ोंग्पा जैसे हिन्दी दर्शकों के जाने-पहचाने चेहरे थे वहीं बाहुबलीके ज्यादातर कलाकारों की यहां कोई खास पहचान और मार्किट थी और ही अभी तक बन पाई है। ऐसे में सिर्फ अपने कंटेंट के दम पर बाहुबलीचली और अब उसी भरोसे पर लोग बाहुबली 2’ का इंतजार कर रहे हैं।

बाहुबली 2’ के इस इंतजार के पीछे भले ही कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा...?’ वाले यक्ष-प्रश्न का जवाब तलाशने की उत्सुकता हो लेकिन असल वजह यह है कि बाहुबलीदर्शकों को अपने जिस शानदार और भव्य लोक में ले गई थी दर्शक एक बार फिर उस जगह पर जाना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि कैसे महेंद्र बाहुबली अपने पिता अमरेंद्र बाहुबली की हत्या का बदला लेगा और भल्लाल देव और उसके साथियों को मौत के घाट उतारेगा। हालांकि गौरतलब यह भी है कि इस फिल्म की कहानी तो नई थी ही अनोखी। महाभारतसे प्रेरित कहानी और लगभग वैसे ही किरदारों को लेकर निर्देशक एस.एस. राजमौली ने पर्दे पर जो अद्भुत संसार रचा वह दर्शकों को इस कदर मोहित कर गया कि अब चाहे जो हो जाए, इसका पहला भाग देख चुके दर्शक इसके दूसरे भाग को देखे बिना नहीं मानेंगे, यह तय है।

तो बताइए, क्या अब भी आपको बाहुबली 2’ के रिव्यू का इंतजार है...?

No comments:

Post a Comment