Saturday, 30 June 2018

रिव्यू-‘संजू’-अधूरी हकीकत बाकी फसाना

-दीपक दुआ... (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
फिल्म के अंदर का संजय दत्त बड़े ज़ोर से यह चाहता है कि उसकी बायोग्राफी यानी आत्मकथा एक नामी राइटर लिखे ताकि उसमें कुछ सलीका हो और लोग उस पर ज़्यादा यकीन करें। थोड़ी ना-नुकर के बाद वह राइटर राज़ी होती है तो संजू उसे अपनी ज़िंदगी के कुछचैप्टर सुनाता है। जी हां, ‘कुछचैप्टर। सारे नहीं। बाकी के वह सुनाता नहीं और ही वह राइटर उनके बारे में पूछती है। ज़ाहिर है ऐसे में जो किताब बन कर सामने आएगी, वह सच्ची तो हो सकती है, संपूर्ण नहीं।

इस फिल्म के साथ भी यही हुआ है। यह तय है कि निर्देशक राजकुमार हिरानी संजू के पास यह ऑफर लेकर तो नहीं गए होंगे कि बाबा, चलो तुम्हारी जिंदगी पर एक फिल्म बनाते हैं। ऑफर संजू (और उनकी इमेज को लेकर उनसे भी ज़्यादा सतर्क रहने वाली उनकी पत्नी मान्यता) की तरफ से आया होगा कि राजू भाई, कुछ कीजिए न। पेशी, पनिशमेंट, पेरोल, प्रायश्चित, पश्चाताप, सब हो गया। बस, एक बायोपिक बन जाए जो लोगों के ज़ेहन में दस्तावेज की तरह दर्ज़ हो जाए तो मज़ा जाए।

Friday, 15 June 2018

रिव्यू-‘रेस 3’-छी... छी... छी...!

-दीपक दुआ... (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
रेसके नाम से याद आती हैं अब्बास-मस्तान के कसे हुए डायरेक्शन में बनीं वो दो जबर्दस्त थ्रिलर फिल्में जो एक-दूजे का सीक्वेल थीं। लेकिन इस वाली फिल्म की कहानी और किरदारों का उनसे कोई नाता नहीं है। अच्छा ही है। वरना उन फिल्मों का भी नाम खराब होता। नाम तो रेसब्रांड का अब भी डूबा ही है और ऐसा डूबा है कि शायद ही कभी उबर सके। खैर...!

Sunday, 3 June 2018

ईद पर ‘रेस’ जीतेंगे सलमान...!

-दीपक दुआ...
ईद का मौका यानी सलमान खान की फिल्म के आने का मौका। लगभग हर साल ईद के मौके पर अपनी फिल्म से बॉक्स-ऑफिस की तिजोरियों पर राज करने वाले सलमान खान की फिल्म चाहे कैसी भी हो, ईद पर आकर कामयाबी का जश्न मना ही जाती है। ईद और सलमान का साथ इस कदर निराला है कि 2014 में इस मौके पर आकर जहां उनकी किकजैसी औसत फिल्म भी हिट हुई थी वहीं पिछले साल 2017 में आई उनकी ट्यूबलाइटजैसी बेकार और काफी आलोचना झेलने वाली फिल्म भी ईद के मौके की गर्मी पाकर दो सौ करोड़ से ज्यादा की कलैक्शन कर गई थी। इस साल सलमान की रेस 3’ ने आना है और इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है।

2008 में आई रेसऔर 2013 में आई रेस 2’ के बाद यह तय था कि इस फिल्म का तीसरा पार्ट भी जरूर बनेगा। 2015 में इन दोनों फिल्मों को डायरेक्ट करने वाली जोड़ी अब्बास-मस्तान ने यह घोषणा भी कर दी थी कि इस तीसरी वाली फिल्म में भी सैफ अली खान होंगे। और चूंकि रेसमें अक्षय खन्ना और रेस 2’ में जाॅन अब्राहम की मौजूदगी से इस सीरिज की फिल्मों में विलेन के तौर पर किसी नामी  हीरो को लेने का चलन बन चुका था इसलिए इस फिल्म की निर्माता कंपनी टिप्स ने सलमान खान को इसके लिए अप्रोच किया और बस, यहीं से इस फिल्म का रुख बदल गया। सलमान ने पहले तो इस फिल्म की स्क्रिप्ट में काफी सारे बदलाव करवाए और जब अब्बास-मस्तान की तरफ से एतराज उठाया गया तो सलमान ने शर्त रख दी कि फिल्म का डायरेक्शन उनकी बजाय रेमो डिसूजा करें। इस बीच सलमान इस फिल्म से बतौर निर्माता भी जुड़ चुके थे। ऐसे में टिप्स वालों को भाई की शर्तें तो माननी ही थीं। दरअसल रेस 2’ के बाद टिप्स अभी तक सात फिल्में बना चुकी है जिनमें से सिर्फ अक्षय कुमार वाली एंटरटेनमैंटको ही कामयाबी मिल पाई। ऐसे में टिप्स के लिए यह स्वाभाविक है कि वे जो भी करें, सिर्फ और सिर्फ मुनाफा कमाने के नजरिए से करें।

गौरतलब है कि जहां रेससीरिज की पहले वाली दोनों फिल्में सीक्वेल थीं, वहीं रेस 3’ की कहानी का उनसे कोई नाता नहीं है और इसे सीक्वेल की बजाय रेससीरिज की तीसरी फिल्म कहना ज्यादा सही होगा। सलमान के साथ पहले इस फिल्म में सैफ अली खान को ही लेने की बात हुई लेकिन सैफ ने मना कर दिया। दरअसल यह एक बड़ा सच है कि इस किस्म की बिग-बजट मसाला फिल्म में सलमान की मौजूदगी के सामने बाकी सब दब-सा जाता है। सो, सैफ की जगह पर उन बॉबी देओल को लिया गया जो एक लंबे अर्से से बेरोजगार बैठे हुए थे। सलमान की नायिका के तौर पर कैटरीना कैफ और दीपिका पादुकोण के नाम पर विचार हुआ लेकिन लिया उन जैक्लिन फर्नांडीज को गया जो अपनी अदाकारी से ज्यादा अपना रूप-सौंदर्य दिखाने के लिए जानी जाती हैं। यहां तक कि पिछली दोनों फिल्मों में बतौर संगीतकार शामिल रहे प्रीतम भी इस फिल्म से लापता हैं और उन सलीम-सुलेमान ने फिल्म के गाने बनाए हैं जिन्होंने पिछली दोनों फिल्मों में बैकग्राउंड म्यूजिक दिया था।

पिछले दिनों रेस 3’ की ट्रेलर लांच हुआ तो सोशल मीडिया पर इसे ट्रोल करने की होड़ लग
गई और काफी सारे लोगों ने इसे लेकर आलोचनात्मक कमेंट किए। लेकिन दो ही दिन में इसका ट्रेलर दो करोड़ लोगों ने देख डाला और यह तय है कि जब 15 जून को यह फिल्म रिलीज होगी तो थिएटरों के बाहर इसे देखने के लिए लंबी कतारें लगी होंगी। सलमान की मौजूदगी के एक बड़े फैक्टर के अलावा मल्टी स्टारकास्ट, जैक्लिन की आंखों को सुहाती खूबसूरती, जबर्दस्त एक्शन, थाइलैंड और अबू धाबी की भव्य लोकेशन के साथ-साथ हर किस्म के चटपटे मसाले से भरपूर इस किस्म की फिल्मों की सेहत पर इस बात से सचमुच कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह कितना पौष्टिक मनोरंजन दे रही हैं। मनोरंजन दे रही हैं, यही काफी है। भाईके चाहने वालों को यकीन है कि वह एक बार फिर ईद पर अपनी रेस जीतने जा रहे हैं, बस ईद आने तो दीजिए।
(मेरा यह लेख हरिभूमिमें 2 जून, 2018 को प्रकाशित हुआ है।)

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज़ से घुमक्कड़। अपने ब्लॉग सिनेयात्रा डॉट कॉम (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)