Tuesday 30 March 2021

रिव्यू-थोड़ी हाई थोड़ी फ्लैट ‘पगलैट’

 -दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
लखनऊ की संध्या का पति आस्तिक शादी के पांच महीने में ही मर गया। कल ही उसकी अंत्येष्टि हुई है। लेकिन संध्या को तो रोना रहा है और भूख भी जम कर लग रही है। उसे चाय नहीं पेप्सी पीनी है, गोलगप्पे खाने है। अगले 13 दिन तक घर में जमा किस्म-किस्म के लोगों की सोच और नज़रों से निबटना है। कुछ पुराने हिसाब चुकता करने है। कुछ नए फैसले लेने है। कुछ चीज़ों पर मिट्टी डालनी है तो कुछ नए बीज भी बोने हैं।
 

Saturday 27 March 2021

रिव्यू-‘मुंबई सागा’ वास्तव में है क्या...?

 -दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
एक शरीफ आदमी ने मजबूरी में एक गुंडे को मारा। गुंडे का बॉस उस शरीफ आदमी के पीछे पड़ गया। बॉस के विरोधी गुट वाले नेता ने उस शरीफ आदमी को अपनी छत्रछाया में ले लिया। शरीफ आदमी अब गुंडा बन गया, अपना गैंग बना लिया। पर जब उसके आका को उससे खतरा महसूस हुआ तो उसने उसे हटाने के लिए दूसरे लोग आगे कर दिए।

Wednesday 17 March 2021

यादें : मिलना नुसरत साहब से, आफरीन आफरीन...

-दीपक दुआ...
1996 में जुलाई का महीना था। सही-सही बोलूं तो 26 जुलाई 1996 और दिन था शुक्रवार। अपने को फिल्म मासिकचित्रलेखासे जुड़े कुछ महीने हो चुके थे। दो-एक प्रैस-कांफ्रैंस भी अटेंड कर चुका था। उस रोज़चित्रलेखासे संदेशा मिला कि आपके लिए एक इन्विटेशन आया हुआ है आज रात का। अपन गए इन्विटेशन लिया और उसे देखते ही दिल गुलाब हो गया। एच.एम.वी. म्यूज़िक कंपनी (जिसे अब सारेगामा कहा जाता है) की तरफ से आया यह इन्विटेशन पाकिस्तानी गायक नुसरत फतेह अली खान और हिन्दुस्तानी शायर जावेद अख्तर के अलबमसंगमकी रिलीज़ का न्योता था। नुसरत फतेह अली खान, जो तब तक पूरी दुनिया में कव्वाली की अपनी अलहदा शैली के चलते खासे मशहूर हो चुके थे और जिनके संगीत के दीवाने अपन उसी साल आईबैंडिट क्वीनसे हो चुके थे।
 

Tuesday 16 March 2021

रिव्यू-प्यार की नई परिभाषा गढ़ती ‘सर’

-गति उपाध्याय... (Featured in IMDb Critics Reviews)
नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध इस फिल्मइज़ लव एनफ? सरमें एक तरफ है जवान विधवा काम वाली बाई रत्ना, जो अपने काम, ज़िम्मेदारियों और इमेज के प्रति हर पल सतर्क और चौकन्नी रहती है। दूसरी तरफ उसका मालिक अश्विनसरपरिवार के लिए अपनी खुशियों को ताक पर रख देने वाला गंभीर मिज़ाज का रईस युवा नायक है। अभी-अभी उसकी शादी टूटी है और वह हताश है। रत्ना उसे उम्मीद देती है। एक घर में रहते हुए ये दोनों करीब आते हैं। अश्विन कोलोग क्या कहेंगेकी परवाह नहीं लेकिन रत्ना के लिए यह रिश्ता इतना आसान नहीं।