आप चाहें तो यकीन न करें लेकिन सच यही है कि 2019 में सबसे ज्यादा कामयाबी पाने वाली ज्यादातर फिल्मों में नायिकाओं के किरदार बिल्कुल ही कमजोर थे। हालांकि एक तरफ कुछ फिल्मकार अभिनेत्रियों को दमदार रोल देने की कोशिश में लगे रहे लेकिन दूसरी तरफ बाजार के समीकरणों के चलते ज्यादातर बड़ी फिल्मों में अदाकाराओं को बस चलताऊ किस्म की भूमिकाओं से ही संतोष करना पड़ा। नायक-प्रधान सिनेमा की बहुतायत के इस दौर में नायिकाओं को सशक्त किरदार मिलेंगे भी तो भला कैसे?
Saturday 28 December 2019
2019-हीरोज़-आगे निकले दूसरी कतार के हीरो
2019 में भले ही बड़े नाम वाले नायकों के दम पर टिकट-खिड़की गुलजार होती रही लेकिन इस साल सुखद बात यह रही कि दूसरी कतार में खड़े नायकों ने अचानक से बढ़त बनाते हुए अपनी प्रतिभा से सबको चौंकाया। इन्होंने यह भी बताया कि अगर इन्हें यूं ही सलीकेदार कहानियों में कायदे के रोल मिलते रहे तो फिर आने वाला कल इनका ही होगा।
2019 की फिल्में-कुछ शानदार बाकी मसालेदार
-दीपक दुआ...
हिन्दी फिल्में बनाने वाले भले ही कितनी ऊंची बातें करें लेकिन सच यह है कि हिन्दी सिनेमा टिकट-खिड़की का इस कदर मोहताज हो चुका है कि ज्यादातर फिल्मकार कुछ हट कर दिखाने का बहुत बड़ा साहस नहीं कर पाते। फिल्मकारों पर बाजार का दबाव इस कदर हावी रहता है कि अच्छे कंटैंट वाली फिल्में या तो उभर कर आ नहीं पातीं या फिर उनमें भी ऐसी चीजें जबरन डालनी पड़ती हैं जो आम दर्शकों को पसंद आएं। फिल्म वालों ने अगर हमें मसाले और चटपटेपन की लत लगाई है तो काफी बड़ा कसूर हम दर्शकों का भी है जो इन मसालों और चटपटेपन से हट कर कुछ देखना ही नहीं चाहते। यही कारण है कि इस साल सबसे ज्यादा कामयाबी पाने वाली ज्यादातर फिल्मों में यही मसाले,
यही चटपटापन दिखाई देता है। हम अगर ऐसी ही फिल्में सराहेंगे तो यकीनन फिल्मकार भी हमें ऐसी ही फिल्में देंगे। आइए एक नजर 2019 की फिल्मों पर डालें।
Thursday 26 December 2019
रिव्यू-मुबारक हो, ‘गुड न्यूज़’ है
वरुण बत्रा-दीप्ति बत्रा। पति-पत्नी। बरसों की कोशिश के बाद
भी ये दोनों मां-बाप नहीं बन पा रहे थे तो ये लोग पहुंचे डॉ. जोशी के आई.वी.एफ. क्लिनिक
में ताकि कृत्रिम गर्भाधान करवा सकें। लेकिन एक गड़बड़ हो गई। वहां चंडीगढ़ से हनी बत्रा-मोनिका
बत्रा भी इसी काम से आए हुए थे और क्लिनिक वालों की गलती से वरुण बत्रा के स्पर्म मोनिका
की कोख में और हनी बत्रा के दीप्ति की कोख में जा पहुंचे। अब क्या किया जाए?
Saturday 21 December 2019
रिव्यू-‘दबंग 3’-न सीक्वेल, न प्रीक्वेल, बस चल-चला-चल
-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
इस फिल्म की कहानी सलमान खान ने लिखी है। और कहानी कुछ यूं है कि...! अच्छा अब आपको ‘दबंग’
जैसे नाम वाली फिल्म में सलमान खान जैसे ‘लेखक’
की लिखी कहानी भी जाननी है? कितने भोले हैं न आप। सच तो यह है कि आप ही जैसे लोगों के दम पर तो हिन्दी फिल्में कमा-खा रही हैं। वरना कायदे की फिल्में धरी न रह जातीं और दबंगई दिखाने वाली फिल्में एक दिन में करोड़ों न बटोर ले जातीं।
Thursday 19 December 2019
‘गली ब्वॉय’ ऑस्कर से बाहर-अब बचीं ये फिल्में
आखिर वही हुआ जिसकी बहुतेरे लोगों को आशंका थी। जोया अख्तर की ‘गली ब्वॉय’ ऑस्कर की दौड़ से बाहर हो गई। ‘अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म’ (जिसे पिछले साल तक विदेशी भाषा की फिल्म कहा जाता था) की इस दौड़ में कुल 91 फिल्मों को ऑस्कर अकादमी के सदस्यों ने परखा और 16 दिसंबर को इनमें से अगले राउंड के लिए चुनी गईं 10 फिल्मों की घोषणा की गई।
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