Monday 29 August 2016

रिव्यू-‘बोल’ न हल्के-हल्के...

-दीपक दुआ...
2011 में अगस्त के आखिरी दिनों की बात है। ईद पर सलमान खान की बॉडीगार्डके सामने पाकिस्तानी फिल्म बोल रही थी। दिल्ली के महादेव रोड स्थित फिल्म्स डिवीज़न ऑडिटोरियम में उसका प्रैस-शो देख कर मैं निकला तो सन्न था। तब यह लेख लिखा था जो फिल्मी कलियांमें छपा था। वह लेख, ज्यों का त्यों प्रस्तुत है।
मारना ही जुर्म क्यों है, पैदा करना क्यों नहीं...?’

जब खिला नहीं सकते तो पैदा क्यों करते हो...?’

फांसी के तख्ते पर खड़ी होकर बोलकी नायिका जैनब जब चिल्लाते हुए सामने मौजूद मीडिया पर ये सवाल फेंकती है तो सिनेमा के भीतर का अंधेरा और ज़्यादा स्याह हो जाता है। लगता है जैसे किसी झन्नाटेदार तमाचे ने गालों को छुआ हो। ज़ेहन पर एक अजीब-सा अपराधबोध तारी होने लगता है और जब चंद मिनटों के बाद आप थिएटर से बाहर निकलते हैं तो इस फिल्म से उपजे ये और ऐसे कई सवाल लंबे समय तक आपका पीछा नहीं छोड़ते। यकीन नहीं होता कि आप अभी-अभी सिर्फ एक फिल्म देख कर निकले हैं। फिल्म-जिसका काम आमतौर पर मनोरंजन करना और कभी-कभार कोई संदेश भर देना ही मान लिया गया है। कसैले सच का ऐसा पुख्ता दस्तावेज भी क्या सिनेमा की भाषा में लिखा और दिखाया जा सकता है?

Saturday 27 August 2016

सोनाक्षी सिन्हा का वह ‘दबंग’ इंटरव्यू



अपनी आने वाली फिल्म अकीराको लेकर सोनाक्षी सिन्हा इन दिनों चर्चा में हैं। मीडिया को बुला-बुला कर इंटरव्यू दिए जा रहे हैं और शहर-दर-शहर घूम-घूम कर वह अपना और इस फिल्म का प्रचार कर रही हैं। ऐसे में आज से 6 बरस पहले सोनाक्षी से हुई अपनी वह बातचीत याद आती है जब वह अपनी पहली फिल्म दबंगके प्रचार के लिए दिल्ली आई थीं। तब हिन्दुस्तानमें वह इंटरव्यू छपा था। देखिए और पढ़िए कि तब सोनाक्षी ने क्या कहा और उनका कहा आज कितना प्रासंगिक है।

-किस तरह का रोल निभा रही हैं दबंगमें?
-यह एक गांव की लड़की है जिसने बुरे दिन ज्यादा देखे हैं। जब यह चुलबुल पांडेय (सलमान खान) की जिंदगी में आती है तो चुलबुल बदलने लगता है।

-किसी ग्लैमरस रोल से शुरुआत होती तो बेहतर नहीं होता?
-क्या पता बेहतर होता या नहीं। मैं भी चाहती थी कि ग्लैमरस रोल से शुरु करूं लेकिन इस फिल्म की स्क्रिप्ट, इसमें मेरा रोल और इसका पूरा सैटअप मुझे इतना बढ़िया लगा कि मैं मना नहीं कर सकी। वैसे भी अब यह नहीं पता चलता कि लोगों को क्या पसंद आएगा तो ऐसे में अगर यह फिल्म हिट होती है तो इससे मुझे भी फायदा होगा।

-इस रोल के लिए किस तरह का होमवर्क किया आपने?
-होमवर्क कुछ खास नहीं किया क्योंकि मेरा मानना है कि जिसने यह रोल लिखा है और जो इसे बड़े पर्दे पर उतार रहा है उसका अपना एक अलग विजन है और एक आर्टिस्ट होने के नाते मेरा यह फर्ज बनता है कि मैं उस विजन के मुताबिक ही काम करूं। इसलिए किसी तरह के होमवर्क की बजाय मैं हमारे डायरेक्टर अभिनव कश्यप जी के कहे मुताबिक ही करती गई।

-क्या अपनी पहली फिल्म की रिलीज से पहले आप नर्वस हैं?
-पहले तो मैं थोड़ी नर्वस थी भी लेकिन जैसे-जैसे इस फिल्म के प्रोमोज पर लोगों का रिस्पांस रहा है वैसे-वैसे मेरा डर कम होता जा रहा है। मुझे ही नहीं बल्कि इस फिल्म से जुड़े हर शख्स को अब भरोसा हो चला है कि यह फिल्म दर्शकों को जरूर पसंद आएगी।

-फिल्मी परिवार से होने के कारण फिल्मों में आना क्या ज्यादा आसान था?
-नहीं, ऐसा नहीं होता है। हम लोगों का भी अपना स्ट्रगल होता है। लोगों से संपर्क करना अगर हमारे लिए आसान होता है तो वहीं लोगों की हमसे उम्मीदें भी ज्यादा होती हैं। हमारे लिए सब कुछ थाली में परोसा हुआ नहीं होता है।

-‘दबंगकैसे मिली?
-सलमान हमारे फैमिली फ्रैंड हैं। उन्होंने मुझसे वादा किया था कि अगर मैंने अपना वजन कम कर लिया तो वह मुझे किसी फिल्म में जरूर ब्रेक देंगे। दो साल तक मेहनत करने के बाद मैं 30 किलो वजन घटा पाई तो सलमान ने भी अपना वादा पूरा किया।

-वजन घटाने में आपको सलमान से कितना सहयोग मिला?
-बहुत ज्यादा। वह खुद बॉडी फिटनेस को लेकर काफी मेहनत करते हैं। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान भी हम दोनों साथ-साथ वर्कआउट किया करते थे।

-सलमान के साथ रोमांटिक सीन करते समय आप कितनी सहज थीं?
-सच बताऊं तो मैं थोड़ा झिझक रही थी लेकिन सलमान ने मुझे सहज होने में बहुत मदद की।

-आगे आप क्या कर रही हैं?
-अभी तो सिर्फ अरबाज खान ने ही मुझे अपनी अगली फिल्म में लेने का ऐलान किया है। मेरे पास ऑफर्स तो बहुत हैं लेकिन मैं जल्दबाजी में कोई कदम उठाने के मूड में नहीं हूं। मुझे पैसे के लिए तो काम करना नहीं है इसलिए मैं बहुत ही सोच-समझ कर अच्छे डायरेक्टर्स के साथ ऐसी फिल्में करना चाहती हूं जिन्हें लोग याद रखें फिर चाहे वे कमर्शियल फिल्में हों या ऑफबीट, मुझे फर्क नहीं पड़ता।
-दीपक दुआ