Tuesday 28 March 2017

देर से क्यों आना चाहते हैं संजय दत्त...?

-दीपक दुआ...

संजू बाबा की कमबैक फिल्म 'भूमि' की रिलीज़ टलने के आसार है। खुद संजय दत्त ने इस फिल्म के निर्माताओं भूषण कुमार, ओमंग कुमार और संदीप सिंह से गुज़ारिश की है कि इस फिल्म की रिलीज़ टाल दी जाए। दरअसल पहले यह फिल्म 4 अगस्त को रिलीज़ होने वाली थी और इस बात का एलान काफी पहले ही कर दिया गया था, पर अब संजू के कहने पर इसे आगे सरकाया जा सकता है। गौरतलब है कि संजय दत्त के पिछले साल जेल से वापस आने के बाद ढेरों लोग उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहते थे मगर उन्होंने साल भर तक सोच-विचार करने के बाद निर्देशक ओमंग कुमार की 'भूमि' को अपनी वापसी के लिए चुना। यह वही ओमंग हैं जो 'मैरी कॉम' और 'सरबजीत' बना कर तारीफें बटोर चुके हैं। 'भूमि' एक पिता-पुत्री की कहानी है जिस में संजू बाबा की बेटी का किरदार अदिति राव हैदरी निभा रही हैं। शेखर सुमन भी इस फिल्म में एक अहम किरदार निभा रहे हैं। आगरा में चल रही इस फिल्म की शूटिंग हाल ही में पूरी हुई है और यह बड़ी आसानी से 4 अगस्त को आ सकती है। लेकिन उसी दिन आमिर खान वाली 'सीक्रेट सुपरस्टार' आ रही है और आमिर से अपनी दोस्ती के चलते संजू नहीं चाहते कि उनकी और आमिर की फिल्म आमने-सामने हों।

Saturday 25 March 2017

गांव टट्टियाकर में आपका स्वागत है


-दीपक दुआ...

दिल्ली से चल कर हम हरियाणा के सिरसा में डेरा सच्चा सौदा पहुंचे तो पश्चिम की तरफ जाता सूरज अपनी चमक समेटने लगा था। हमें बताया गया था कि संत गुरमीत राम रहीम सिंह की पिछली फिल्म हिन्द का नापाक को जवाब-एमएसजी लायन हार्ट 2’ की बंपर कामयाबी का जश्न मनाया जाएगा। लेकिन यहां तो कुछ और ही नजारा था। एमएसजी बाबा के चाहने वालों की भारी भीड़ मौजूद थी और नाच-गाना चल रहा था। दरअसल यह मौका था बाबा की अगली फिल्म जट्टू इंजीनियरके मुहूर्त्त का। बाबा ने दीये जला कर और नारियल फोड़ कर फिल्म की शुरूआत की और बताया कि यह एक कॉमेडी फिल्म होगी जिसमें एक ऐसे गांव की कहानी दिखाई जाएगी जहां के बाशिंदे सफाई, शिक्षा, मेहनत आदि से परे और गंदगी, नशे, लड़ाई-झगड़े जैसी बुराइयों में जकड़े हुए हैं। फिर यहां के स्कूल में एक टीचर आता है और कैसे वह इस गांव और यहां के वासियों का कायापलट करता है, यह इसमें दिखाया जाएगा।

बाबा ने बताया कि इस फिल्म में उनका डबल रोल होगा। एक किरदार में वह टीचर बने दिखाई देंगे और दूसरे में जुगाड़ में माहिर जट्टू इंजीनियर। इस फिल्म का निर्देशन भी उनकी पिछली फिल्म की तरह बाबा और उनकी बेटी हनीप्रीत कर रहे हैं। इसके बाद फिल्म की सफलता की कामना के लिए ढेरों गुब्बारे भी आसमान में छोड़े गए।

अगले दिन सुबह हम इस फिल्म के सैट पर पहुंचे तो वहां लगे गांव का नाम पढ़ कर ही हमारी हंसी छूट गई। एक टूटे-फूटे बोर्ड पर लिखा था-गांव टट्टियाकर में आपका स्वागत है। हमें बताया गया कि महीने भर पहले तक यहां एक मैदान था जहां चारदीवार बना कर इस लंबे-चैड़े गांव का सैट तैयार किया गया है। चारों तरफ कच्चे मकान, पंचायत घर, स्कूल, इधर-उधर घूमते जानवर, ढेरों लोग और हर तरफ गंदगी का आलम। इस कदर वास्तविक लगते इस सैट पर मोबाइल फोन और कैमरा लाने की सख्त पाबंदी थी।  

यहां शूटिंग में व्यस्त बाबा ने बताया कि यहां जितने भी लोग हैं उनमें से कोई भी प्रोफेशनल कलाकार नहीं है लेकिन हर कोई अपने काम को पूरे समर्पण से कर रहा है और हमें यकीन है कि जब यह फिल्म बन कर आएगी तो लोगों को हंसाने के साथ-साथ समाज को कई सारे सकारात्मक संदेश दे पाने में भी सफल होगी।
(यह रिपोर्ट 25 मार्च, 2017 के हरिभूमिमें प्रकाशित हुई है)

Friday 24 March 2017

रिव्यू-सब्र का इम्तिहान लेती ‘फिल्लौरी’

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
शादी करने के लिए कनाडा से अपने घर अमृतसर आए लड़के का मांगलिक दोष दूर करने के लिए पहले उसकी शादी एक पेड़ से कर दी जाती है। लेकिन उस पेड़ पर तो एक भूत (दरअसल भूतनी) रहती है। तो हो गई उस लड़के की उस भूतनी से शादी। अब वह पेड़ तो गया कट और भूतनी गई उस लड़के के पीछे-पीछे उसके घर। अब क्या हो?

रिव्यू-‘मर्दाना सोच’ पर प्रहार करती है अनारकली

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
चौराहों पर भीख मांगते भिखारी, बाजीगरी दिखा कर पैसे के लिए हाथ पसारते बच्चे, गलियों में आकर बंदर, सांप का खेल दिखाने वाले मदारी, मौहल्ले के किसी घर में खुशी के मौके पर नाचने-गाने वाले हिजड़े, उनके साथ ढोलकी-हारमोनियम बजाने वाले साजिंदे। ऐसे किरदार हम रोजाना अपने इर्द-गिर्द देखते हैं। पर क्या हम उन्हें सचमुच देखतेहैं? क्या कभी हम यह सोचते हैं कि अपना पिरोगरामखत्म करने के बाद ये लोग कहां जाते हैं, कैसे जीते हैं, क्या हैं उनकी जिंदगी के संघर्ष, उनके सपने? इस फिल्म की नायिका अनारकली ऐसा ही एक किरदार है जो समाज में है तो सही लेकिन उसका कोई वजूद नहीं है। और जब वह अपने वजूद की, अपनी मर्जी की बात करती है तो उसे दुत्कार दिया जाता है।