Saturday 25 August 2018

रिव्यू-‘हैप्पी’ की भागमभाग में चीनी हेराफेरी

 -दीपक दुआ...  (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
सर जी, ‘हैप्पी भाग जाएगीहिट हुई थी। उसका सीक्वेल बनाएं?
पर कहानी...?
कहानी का क्या है सर जी, पिछली बार हैप्पी पाकिस्तान गई थी इस बार चीन भेज देंगे। साथ में एक नई हैप्पी को भी जोड़ देंगे। कुछ इंडिया-चीन-पाकिस्तान कर देंगे। कुछ नामों की कन्फ्यूजन पैदा कर देंगे। एक-दो नए लोग जोड़ देंगे। बाकी, अपने बग्गा और आफरीदी तो होंगे ही। उर्दू-पंजाबी के चटकारे लगवा देंगे सर जी। मैं बता रहा हूं, फिल्म चल जाएगी। आप बस, हां कर दो।

Friday 17 August 2018

रिव्यू-फीकी चमक वाला ‘गोल्ड’

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
1936 के बर्लिन ओलंपिक में गुलाम भारत यानी ब्रिटिश इंडिया की हॉकी टीम ने गोल्ड मैडल तो जीता लेकिन स्टेडियम में ब्रिटेन का राष्ट्रगान बज रहा था। देश आज़ाद हुआ तो उसी टीम के जूनियर मैनेजर ने सपना देखा कि 1948 के लंदन ओलंपिक में भारतीय टीम दो सौ साल की गुलामीके बाद जीते और अपने जन गण मन...की धुन पर गोल्ड लेकर आए। और बस, वो जुट गया तमाम बाधाओं के बीच एक जानदार टीम तैयार करने में जो एक शानदार जीत हासिल कर सके।

यह सही है कि 1948 में भारतीय टीम ने लंदन ओलंपिक में ब्रिटेन को उसी के घर में 4-0 से हरा कर गोल्ड जीता था। लेकिन इतिहास यह नहीं बताता कि वो सपना किसी टीम-मैनेजर का था। लेकिन यह फिल्म है जनाब, जो इतिहास के कुछ सच्चे किस्सों में ढेर सारी कल्पनाएं मिला कर आपको देशप्रेम की ऐसी चाशनी चटाती है कि आप बिना कुछ आगा-पीछा सोचे बस, उसे चाटते चले जाते हैं।

Wednesday 15 August 2018

रिव्यू-‘सत्यमेव जयते’-असली मसाले सच-सच

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
एक सीन देखिए। एक करप्ट पुलिस अफसर एक मां से कहता है तू यहां नमाज़ पढ़, अंदर मैं तेरे बेटे को मारता हूं। देखता हूं तेरा अल्लाह उसे कैसे बचाएगा। नमाज़ खत्म होने तक अपना हीरो आकर उस पुलिस वाले को मार देता है।

दूसरा सीन देखिए। एक और करप्ट पुलिस अफसर मोहर्रम के दिन एक मुस्लिम लड़की की इज़्ज़त पर हमला करता है। अपना हीरो आकर उस पुलिस वाले को मोहर्रम के मातम के बीच मार देता है।

आप कहेंगे कि यह फिल्म तो सिर्फ मुस्लिम दर्शकों को खुश करने के लिए बनाई गई है। ऐसा नहीं है जनाब, जब भी अपना हीरो किसी करप्ट पुलिस अफसर को मारता है तो पीछे से शिव तांडव स्तोत्र बजने लगता है। लीजिए, हो गए हिन्दू दर्शक भी खुश...?

Friday 10 August 2018

रिव्यू-फीकी जलेबी ‘विश्वरूप 2’

-दीपक दुआ...  (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
डियर कमल हासन,
2013 में जब आप विश्वरूपलेकर आए थे तो अपन ने उसे साढ़े तीन स्टार से नवाज़ा भी था। यह रहा उस फिल्म की समीक्षा का लिंक-
उस फिल्म के अंत में जब आप (मेजर विसाम अहमद काश्मीरी) ने यह साफतौर पर कह दिया था कि जब तक उमर ज़िंदा है या मैं, कुछ खत्म नहीं होगा, यह कहानी चलती ही रहेगी’, तो लगा था कि आपके दिमाग में ज़रूर आगे की कहानी होगी और जल्द ही आप उसे लेकर भी आएंगे। पर जब आपने विश्वरूप 2’ को लाने में साढ़े पांच साल लगा दिए तो शक होने लगा था कि आपके पास कहने-बताने को कुछ है भी या फिर सीक्वेल लाने का वह ऐलान खोखला ही था। और अब आपकी विश्वरूप 2’ को देख कर तो यही लगता है कि आपके पतीले में था कुछ नहीं। बस, आपने ज़ोर-ज़ोर से कड़छी हिलाई है ताकि लोग झांसे में जाएं।