-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
‘अय्यारी’
फिल्म याद है आपको? सिद्धार्थ मल्होत्रा-मनोज वाजपेयी वाली उस फिल्म में आर्मी एजेंटों में से चेला अचानक से गद्दार हो गया था और उसका गुरु उसे तलाशने और खत्म करने निकल पड़ा था। लेकिन वो फिल्म इस कदर घिसी-पकी हुई थी कि मुझे रिव्यू-बिना तैयारी कैसी ‘अय्यारी’ लिखना पड़ा था। लगता है अपने कलपने का असर हुआ है क्योंकि इस फिल्म में ‘अय्यारी’ सरीखी ही कहानी को बहुत ही कायदे से, निखार के, संवार के, चमका के, इस कदर स्टाइलिश तरीके से परोसा गया है कि आप इसकी चकाचौंध में खोए बिना नहीं रह पाते। बस फर्क इतना है कि इस फिल्म में गुरु (हृतिक रोशन) गद्दार हो गया है और चेला (टाइगर श्रॉफ) उसकी तलाश में है।
फिल्म अपने पहले ही सीन से कहानी का मिज़ाज और उसका ट्रैक बता देती है और उसके बाद उसी पर आगे बढ़ती चली जाती है। ‘एक था टाईगर, ‘टाईगर ज़िंदा है, ‘फैंटम,
‘एजेंट विनोद, ‘बैंग बैंग, ‘अय्यारी, ‘बेबी’
जैसी एक्शन से भरी स्पाइ-थ्रिलर फिल्मों की कतार में यह फिल्म अपनी चमक-दमक के लिहाज़ से काफी ऊपर जा निकली है। श्रीधर राघवन ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट में सस्पैंस, रोमांच और एक्शन के लिए भरपूर गुंजाइश रखी है और निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने इस गुंजाइश का भरपूर फायदा भी उठाया है। इंटरवल तक जो सस्पैंस रचा गया है बाद में वह जब धीरे-धीरे खुलता है तो पटकथा में से लॉजिक के कुछ धागे भले ही ढीले पड़ते हों, आपके आनंद में कमी नहीं आने पाती।
कैमरा गज़ब ढाता है। लोकेशनों को पकड़ने से लेकर एक्शन समेटने तक के तमाम सीन रंग-बिरंगे हैं। बल्कि कई जगह तो सब कुछ इतनी तेज़ी से हो रहा है कि आगे की सीटों पर बैठने वाले दर्शक बौखला भी सकते हैं। बैकग्राउंड म्यूज़िक फिल्म का आनंद बढ़ाने का ही काम करता है। गाने इस फिल्म के स्वाद के मुताबिक मसालेदार हैं जो ‘देखने’ में ही अच्छे लगते हैं।
हृतिक रोशन पूरी तरह से अपनी पुरानी रंगत में हैं। उनके पर्दे पर आने से पर्दा रोशन हो उठता है। टाईगर श्रॉफ भी पीछे नहीं रहे हैं। एक्शन के मामले में तो वह हृतिक से इक्कीस ही ठहरे हैं। एक्टिंग में तो वह हल्के हैं ही लेकिन यहां जंचे हैं। ये दोनों जब साथ होते हैं, रंगत और बढ़ जाती है। थोड़ी कमी यह भी लगी कि इन दोनों को निखारने-उभारने के चक्कर में फिल्म खलनायकों के खल-कारनामें दिखा ही नहीं पाई। आशुतोष राणा और अनुप्रिया गोयनका अपने किरदारों में बेहद विश्वसनीय लगे हैं। अरे, वाणी कपूर की बात तो रह ही गई। उन्होंने इस फिल्म में वही किया है जो पिछले दिनों वह कपिल के शो में कर रही थीं। बदन दिखाओ, दर्शकों को रिझाओ। अपनी देह को आकर्षक बनाने में की गई उनकी मेहनत पर्दे पर ‘उभर कर’
दिखती है।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज़ से घुमक्कड़। अपने ब्लॉग ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं,
न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी.
से भी जुड़े हुए हैं।)


दरअसल यह आनंद ही है जो इस फिल्म को देखने लायक बनाता है। और सिद्धार्थ आनंद ने इसे परोसा भी भर-भर कर है। क्या नहीं है इस फिल्म में? एक्शन तो खैर गज़ब है ही जो एक पल के लिए भी आपकी नज़रें पर्दे से नहीं हटने देता। दुनिया के कई देशां की आंखों को सुहाती लोकेशंस हैं। कार, हवाई जहाज,
हेलीकॉप्टर, बाइक, बर्फ,
पहाड़, पानी, यानी हर वो चीज़ है इसमें जो आपकी आंखों को रुचे और दिल को रोमांचित करे। कमी खलती है तो कॉमेडी की, कि यह भी कहीं-कहीं छितरी होती तो और रंग जमता।


अंत में थोड़े इमोशन के तड़के के साथ-साथ सीक्वेल की संभावना छोड़ती यह फिल्म पूरी तरह से पैसा वसूल एंटरटेनमैंट परोसती है। इसे ‘जानदार’
या ‘शानदार’ से ज़्यादा इसके ‘मज़ेदार’
होने के लिए देखा जाना चाहिए।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि फिल्म कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
आज बेटे के साथ देखी। यकीनन पैसा वसूल है। 👌
ReplyDeleteVery nice...🎉🙏👍👍
ReplyDeleteDarshak bhokla bhi sakte hai 😂
ReplyDeleteFantabulus ....mindblowing... Hrithik roshan's presence was amazing....tiger vani anupriya...all were perfect... full paisa vasoooool movie... high octane action movie...must watch movie
ReplyDeleteFantabulus... amazing full paisa vasoool movie.... Hrithik Roshan totally mindblowing.... tiger anupriya vani...all were fab ... must watch movie
ReplyDeleteमस्त
ReplyDeleteशानदार रिव्यु👌
ReplyDeleteआपने मोहर लगा दी है तो ab dekh sakte hain, par is review se Arora ji ko kitni taqleef hone wali है woh main bata nahi sakta :D
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