Friday 31 July 2020

यात्रा-एक हादसा जो हमें वैष्णो देवी ले गया (भाग-1)

-दीपक दुआ...
पूरे परिवार के साथ वैष्णो देवी की यह यात्रा भले ही अक्टूबर, 2012 में की गई लेकिन इस यात्रा का विचार मन में आया था करीब छह महीने पहले हुए एक हादसे के बाद। दिन था दुर्गा अष्टमी का। इधर घर में कन्या-पूजन हो रहा था और उधर हॉस्पिटल में निशा जी का ऑपरेशन चल रहा था। बीती शाम जब उन्हें भयंकर पेट-दर्द के बाद आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया था तो डॉक्टरों का कहना था कि अगर उन्हें लाने में थोड़ी देर हो जाती तो...! अष्टमी के इसी दिन मन में यह विचार उपजा कि निशा जी स्वस्थ होकर लौट आएं तो मां वैष्णो के दरबार में हाजिरी लगाने जाएंगे। हम दोनों शादी के तुरंत बाद वहां गए थे और उसके बाद मैं किसी यार-दोस्त के साथ भी दो-तीन बार वहां हो आया था लेकिन इन 11 बरसों में हमारा इक्ट्ठे जाना नहीं हो पाया था। इस बीच परिवार में बेटा और बिटिया भी चुके थे सो, पूरे परिवार के साथ यह हमारी पहली वैष्णो देवी यात्रा होनी थी।

Thursday 30 July 2020

रिव्यू-चौंकाती है ‘माई क्लाईंट्स वाइफ’

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
छत्तीसगढ़ का रायपुर शहर। हवालात में बंद रघु राम सिंह पर आरोप है कि उसने अपनी बीवी सिंदूरा से मारपीट की। लेकिन उसका कहना है कि सिंदूरा उसे फंसाना चाहती है। उधर सिंदूरा का कहना है कि रघु राम झूठ बोल रहा है। रघु राम का वकील मानस वर्मा कन्फ्यूज़ है कि किसे सच माने। तफ्तीश के दौरान उसे कुछ और संदिग्ध बातें पता चलती हैं। कुछ और संदिग्ध हरकतें होती हैं, कुछ और संदिग्ध लोग सामने आते हैं। और जब अंत में राज़ खुलता है तो...!

ओल्ड रिव्यू-कसी हुई, सधी हुई ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई’

-दीपक दुआ...(Featured in IMDb Critics Reviews)
मिलन लूथरिया को सिनेमाई शिल्प की समझ है यह वह अपनी पहली फिल्मकच्चे धागेमें ही सिद्ध कर चुके हैं। अब उनकी यह फिल्म उन्हें उम्दा निर्देशकों की कतार में एक नहीं, कई कदम आगे ले जाती है। मिलन और निर्मात्री एकता कपूर ने भले ही कुछ भी कहा हो मगर यह फिल्म साफ-साफ मुंबई के मशहूर स्मगलर हाजी मस्तान और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के जीवन से प्रेरित है।

Sunday 26 July 2020

स्पॉट बॉय से ‘माई क्लाईंट्स वाइफ’ तक का सफर

-दीपक दुआ...
क्या आप यकीन करेंगे कि अपनी फिल्म इंडस्ट्री में एक निर्देशक ऐसा भी है जिसकी बनाई तीन शॉर्ट-फिल्मों को तकरीबन 19 करोड़ लोग देख चुके हैं लेकिन इस शख्स की शुरूआत फिल्मों के सैट पर दूसरों को चाय-पानी पिलाने वाले स्पॉट बॉय के तौर पर हुई थी। इस निर्देशक की पहली फीचर फिल्ममाई क्लाईंट्स वाइफ’ 31 जुलाई, 2020 को रही है। इनका नाम है प्रभाकरमीना भास्करपंत। आप पूछेंगे कि यह कैसा नाम? तो इसका जवाब यह है कि प्रभाकर पंत नाम के इन निर्देशक महोदय ने अपने नाम में अपने माता-पिता का नाम भी शामिल कर रखा है।

Saturday 25 July 2020

रिव्यू--हल्की-फुल्की सी, ठंडी कुल्फी सी ‘दिल बेचारा’

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
झारखंड का शहर जमशेदपुर। किज़ी बासु नाम की लड़की। कैंसर है उसे। हर जगह ऑक्सीज़न का सिलैंडर उठाए फिरती है। उदास रहती है। कब्रिस्तान में जाकर अनजान मृतकों के रिश्तेदारों के गले लग कर उन्हें सांत्वना देती है। इसी शहर में रहता है मैनी यानी इमैन्युअल राजकुमार जूनियर। इसे भी कैंसर है। एक टांग नकली है फिर भी बेहद ज़िंदादिल, खुशमिज़ाज, मसखरा किस्म का लड़का है। ये दोनों मिलते हैं। मैनी किज़ी से फ्लर्ट करता है। किज़ी धीरे-धीरे उसे अपने करीब आने देती है। इनमें प्यार भी हो जाता है मगर एक दिन...!