-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
कभी थी वो देश की कबड्डी टीम की कप्तान। आज उसके पास रेलवे की नौकरी है। पति भी रेलवे में इंजीनियर। एक प्यारा-सा बेटा। रेलवे का दिया घर। खुशहाल ज़िंदगी। क्या नहीं है उसके पास। लेकिन उसे तो ज़िंदगी से पंगा लेना है। बेटे के अरमान पूरे करने के लिए कबड्डी में वापस आई जया निगम को अब कबड्डी में अपनी भी खुशी दिखाई देने लगती है। लेकिन यह पंगा इतना आसान थोड़े ही है।