-दीपक दुआ...
ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि देश के चुनिंदा फिल्म क्रिटिक्स फिल्मों और उनसे जुड़ी प्रतिभाओं के काम का आकलन करके उन्हें अवार्ड देंगे। भारत के चुने हुए फिल्म समीक्षकों-आलोचकों की एकमात्र संस्था ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’
यह काम करने जा रही है। इस गिल्ड की प्रमुख हैं अनुपमा चोपड़ा और राजीव मसंद, भारती प्रधान, रोहित खिलनानी,
भावना सोमाया, भारद्वाज रंगन, राहुल देसाई,
उदिता झुनझुनवाला, शुभ्रा गुप्ता, सुपर्णा शर्मा,
ट्रॉय रिबेरो, स्तुति घोष, सुचारिता त्यागी,
अजय ब्रह्मात्मज, सचिन चाट्टे, राजा सेन, सैबल चटर्जी, रोहित वत्स,
शुभा शैट्टी साहा और मुझ
समेत कई फिल्म समीक्षक इस गिल्ड से जुड़े हुए हैं।
इससे पहले दिसंबर, 2018 में ‘क्रिटिक्स चॉइस शॉर्ट फिल्म अवार्ड’
आयोजित कर चुकी गिल्ड अपने इस पहले ‘क्रिटिक्स चॉइस फिल्म अवार्ड’ में जहां मुख्यतः 2018 में रिलीज़ हुईं हिन्दी फिल्मों को पुरस्कृत किया जाना है वहीं सात अन्य भाषाओं की फिल्मों को भी बैस्ट फिल्म का एक-एक अवार्ड दिया जाएगा। इनमें मलयालम, मराठी,
गुजराती, बांग्ला, तेलुगू, कन्नड़ और तमिल की 2018 में रिलीज़ हुईं तीन-तीन फिल्में फाईनल में नॉमिनेट हुई हैं। गिल्ड के सदस्य फिल्म समीक्षकों ने एक लंबी और निष्पक्ष प्रक्रिया को अपनाते हुए अपनी पसंद के नॉमिनेशन सौंपे जिनमें से वोटिंग के आधार पर हिन्दी के ये फाइनल नॉमिनेशन निकल कर आए। एक नज़र देखिए-
बैस्ट फिल्म के अवार्ड के लिए फाइनल में पहुंची पांच फिल्में हैं-‘अंधाधुन’,
‘बधाई हो’, ‘अक्टूबर’,
‘राज़ी’ और ‘तुम्बाड़’। बैस्ट डायरेक्टर के लिए मुकाबला अमित शर्मा (बधाई हो), राही अनिल बर्वे और आदेश प्रसाद
(तुम्बाड़), मेघना गुलज़ार
(राज़ी), शुजित सरकार
(अक्टूबर) और श्रीराम राघवन (अंधाधुन) के बीच है। बैस्ट एक्टर के लिए ‘अंधाधुन’
के आयुष्मान खुराना, ‘बधाई हो’ के गजराज राव,
‘संजू’ के रणबीर कपूर, ‘पद्मावत’ के रणवीर सिंह और ‘मुक्काबाज़’ के विनीत कुमार सिंह के बीच होड़ लगी है तो वहीं बैस्ट एक्ट्रैस के लिए ‘राज़ी’
की आलिया भट्ट, ‘परी’ की अनुष्का शर्मा,
‘बधाई हो’ की नीना गुप्ता,
‘मनमर्ज़ियां’ की तापसी पन्नू और ‘अंधाधुन’
की तब्बू में रेस लगी है।
बैस्ट सह-अभिनेता के पुरस्कार के लिए ‘मनमर्ज़ियां’ के अभिषेक बच्चन,
‘राज़ी’ के जयदीप अहलावत, ‘मुल्क’ के मनोज पाहवा,
‘स्त्री’ के पंकज त्रिपाठी और ‘संजू’
के विकी कौशल के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। वहीं बैस्ट सह-अभिनेत्री के लिए ‘अक्टूबर’
में नायिका की मां बनीं गीतांजलि राव,
‘मंटो’ में नवाज़ुद्दीन की पत्नी बनीं रसिका दुग्गल, ‘बधाई हो’ की दादी सुरेखा सीकरी, ‘वीरे दी वेडिंग’ की स्वरा भास्कर और ‘सुई धागा’ में वरुण धवन की मां बनीं यामिनी दास के बीच टक्कर हो रही है।
तकनीकी श्रेणी में तीन-तीन नॉमिनेशन हैं। बैस्ट राईटर के लिए श्रीराम राघवन, अरिजित विश्वास,
हेमंत राव, पूजा लाढा सुरती,
योगेश चंदेकर (अंधाधुन), शांतनु श्रीवास्तव, अक्षत घिल्डियाल (बधाई हो) और राज निदिमोरू, कृष्णा डी.के.,
सुमित अरोड़ा (स्त्री) नॉमिनेट हुए हैं। बैस्ट कैमरागिरी के लिए सिनेमेटोग्राफर अविक मुखोपाध्याय (अक्टूबर), सुदीप चटर्जी
(पद्मावत) और पंकज कुमार (तुम्बाड़) का नाम फाईनल तक पहुंचा है। बैस्ट एडिटर के लिए पूजा लाढा सुरती (अंधाधुन), नितिन बैद (राज़ी) और संयुक्ता कज़ा (तुम्बाड़) के बीच टक्कर है। बैस्ट प्रोडक्शन डिज़ाईन के अवार्ड के लिए जिन आर्ट-डायरेक्टर्स में मुकाबला है, वे हैं-रीता घोष (मंटो), सुब्रत चक्रवर्ती, अमित राय (पद्मावत) और नितिन ज़िहानी चौधरी व राकेश यादव (तुम्बाड़)।
संगीत की श्रेणी में दो अवार्ड रखे गए हैं। पहला है बैकग्राउंड म्यूज़िक का। इसके लिए तीन नॉमिनेशन-‘अंधाधुन’
के डेनियल बी. जॉर्ज, ‘मनमर्ज़ियां’
के अमित त्रिवेदी और ‘तुम्बाड़’
के जेस्पर किड हैं। वहीं बैस्ट गीत के अवार्ड के लिए जो पांच गाने फाईनल में जगह बना पाए हैं, वे हैं-फिल्म ‘लैला मजनू’ का ‘आहिस्ता आहिस्ता...’, ‘मंटो’
का ‘बोल के लब आज़ाद हैं तेरे...’, ‘राज़ी’
का ‘मुड़ के न देखो दिलबरो...’,
‘मनमर्ज़ियां’ का ‘हल्ला...’ और ‘मुक्काबाज़’
का ‘पैंतरा...’।
गिल्ड के सदस्य फिल्म समीक्षकों की दी गई रैंकिंग के आधार पर चुने गए विजेताओं को 21 अप्रैल की शाम मुंबई में होने वाले रंगारंग आयोजन में ये अवार्ड दिए जाएंगे। देखें,
किसके हाथ क्या लगता है...!
अपुन का बस चले तो सब अंधाधुन के नाम कर दे 😀
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