-दीपक दुआ...
आज सुबह
के साढ़े
चार बजे
थे जब
अमेरिका की
ऑस्कर अकादमी
से यह
मेल आया
कि ‘सर्वश्रेष्ठ
अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म’
(जिसे पहले
‘विदेशी भाषा
की सर्वश्रेष्ठ
फिल्म’ कहा
जाता था)
के मुकाबले
के लिए
दुनिया भर
से आईं
93 फिल्मों में से
अगले राउंड
के लिए
15 फिल्मों का चयन
हो गया
है। लपक
कर मेल
खोला क्योंकि
इस बार
भारत ने
मलयालम की
जिस ‘जल्लीकट्टू’
को भेजा
था उससे
हर किसी
को बड़ी
उम्मीदें थीं।
लेकिन तब
निराशा हुई
जब इन
15 फिल्मों में ‘जल्लीकट्टू’
का नाम
नज़र नहीं
आया।
Bosnia
and Herzegovina, “Quo Vadis, Aida?”
Chile, “The Mole Agent”
Czech Republic, “Charlatan”
Denmark, “Another Round”
France, “Two of Us”
Guatemala, “La Llorona”
Hong Kong, “Better Days”
Iran, “Sun Children”
Ivory Coast, “Night of the Kings”
Mexico, “I’m No Longer Here”
Norway, “Hope”
Romania, “Collective”
Russia, “Dear Comrades!”
Taiwan, “A Sun”
Tunisia, “The Man Who Sold His Skin”
Czech Republic, “Charlatan”
Denmark, “Another Round”
France, “Two of Us”
Guatemala, “La Llorona”
Hong Kong, “Better Days”
Iran, “Sun Children”
Ivory Coast, “Night of the Kings”
Mexico, “I’m No Longer Here”
Norway, “Hope”
Romania, “Collective”
Russia, “Dear Comrades!”
Taiwan, “A Sun”
Tunisia, “The Man Who Sold His Skin”
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज़ से घुमक्कड़। अपने ब्लॉग ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं,
न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
Bahut Khub
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