-दीपक दुआ…
दोस्त से थोड़ी ज्यादा, गर्लफ्रैंड से थोड़ी कम यानी हाफ गर्लफ्रैंड। युवा पीढ़ी के चहेते लेखक चेतन भगत के उपन्यास ‘हाफ गर्लफ्रैंड’ में जब दिल्ली के बेहद अमीर कारोबारी परिवार की बेटी रिया सोमानी बिहार से पढ़ने आए साधारण लड़के माधव झा के प्रपोजल का यह जवाब देती है तो पाठक समझ नहीं पाता कि यह कैसा रिश्ता होगा। खैर, उपन्यास तो यह सब समझा देता है लेकिन अब इस कहानी की अग्निपरीक्षा बड़े पर्दे पर होने जा रही है जब इस नॉवेल पर इसी नाम की अर्जुन कपूर-श्रद्धा कपूर वाली फिल्म रिलीज होगी। और इसीलिए उठ खड़ा हुआ है यह सवाल कि क्या ‘हाफ गर्लफ्रैंड’ दे पाएगी फुल एंटरटेनमैंट?
चेतन भगत के लेखन की भले ही कितनी और कैसी भी आलोचना की जाए, सच यही है कि मौजूदा दौर के बिकाऊ भारतीय लेखकों में वह सबसे आगे खड़े हैं और नई पीढ़ी को वापस किताबों की तरफ मोड़ने और पठन-पाठन की तरफ उनकी दिलचस्पी में इजाफा करने का अच्छा-खासा श्रेय उनके लिखे उपन्यासों को ही जाता है। दिलचस्प और अपनी-सी लगने वाली कहानियों को बेहद रोचक शैली और साधारण भाषा में कहने के उनके हुनर के चलते उनके करोड़ों चाहने वाले हैं। लेकिन एक उपन्यास को पढ़ना और फिर उसी पर बनी फिल्म को देखना दो बिल्कुल ही जुदा अनुभव होते हैं और सिनेमा के इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है कि लोकप्रिय उपन्यासों पर बनी फिल्मों ने मात खाई है और कुछ एक फिल्मों ने अपने मूल उपन्यासों से ज्यादा कामयाबी भी पाई है।
फिलहाल चेतन भगत के ही उपन्यासों की बात करें तो सबसे पहले उनके दूसरे उपन्यास ‘वन नाइट एट द कॉल सैंटर’ पर निर्देशक अतुल अग्निहोत्री की ‘हैलो’ (2008) आई थी। लेकिन किताबी कहानी को सिनेमाई बनाने के लिए किए गए अतुल के बदलाव इस फिल्म के खिलाफ चले गए। फिर उनकी लिखी कमजोर स्क्रिप्ट, हल्के निर्देशन और सोहैल खान, शरमन जोशी, ईशा कोप्पिकर, गुल पनाग, अमृता अरोड़ा आदि की साधारण अदाकारी ने इस फिल्म को नुकसान ही पहुंचाया और बॉक्स-ऑफिस पर यह फिल्म नाकाम रही। असल करिश्मा इसके बाद हुआ जब राजकुमार हिरानी ने चेतन भगत के लिखे पहले उपन्यास ‘फाइव प्वाइंट समवन’ से सिर्फ कहानी का मूल ढांचा लिया और अभिजात जोशी व विधु विनोद चोपड़ा के साथ मिल कर उसमें काफी सारे बदलाव करते हुए एक ऐसी पटकथा और फिर एक ऐसी फिल्म तैयार की कि 2009 में आई ‘3 ईडियट्स’ हिन्दी सिनेमा की चुनिंदा कालजयी फिल्मों में गिनी जाने लगी। सच यह भी है कि यह फिल्म इस उपन्यास से कई गुना शक्तिशाली बनी और चेतन का इस बात को लेकर निर्माताओं से विवाद भी हुआ कि उनका नाम फिल्म के शुरू में नहीं बल्कि अंत में दिखाया गया। ‘3 ईडियट्स’ ने न सिर्फ बॉक्स-ऑफिस को जीता बल्कि लोगों के दिलों में भी अपनी एक सुरक्षित जगह बनाई। तमिल में इसका रीमेक बना जो तेलुगू में भी डब किया गया। मैक्सिकन भाषा में बना इसका रीमेक इसी साल रिलीज हो रहा है और चीन, हॉलीवुड व इटली में इस फिल्म के रीमेक बन रहे हैं।
इसके बाद चेतन भगत के तीसरे उपन्यास ‘द 3 मिस्टेक्स ऑफ़ माई लाइफ’ पर अभिषेक कपूर 2013 में ‘काय पो चे’ लेकर आए जिसकी पटकथा लिखने में खुद चेतन भी शामिल रहे। बदलाव यहां भी किए गए। खासतौर से उपन्यास में दिए गए कट्टरवादी विचारों को फिल्म में नरम कर दिया गया। लेकिन कसी हुई पटकथा और सधे हुए निर्देशन के साथ-साथ अपने कलाकारों सुशांत सिंह राजपूत, राजकुमार राव आदि के उम्दा अभिनय के चलते इस फिल्म को काफी पसंद किया गया। इस फिल्म से चेतन को फिल्मी-लेखन का जो चस्का लगा था उसके चलते वह निर्माता साजिद नाडियाडवाला की सलमान खान वाली ‘किक’ की स्क्रिप्ट लिखने वाली टीम में भी जा घुसे जबकि इस फिल्म का उनके उपन्यासों से कोई मतलब नहीं था।
बहरहाल, अब जो ‘हाफ गर्लफ्रैंड’ आ रही है वह भी इस उपन्यास पर हूबहू नहीं बनी
है। सिनेमाई छूट के नाम पर और कहानी को पर्दे पर उतारने की सहूलियत के चलते इसमें कुछ एक बदलाव किए गए हैं। लेकिन इस फिल्म को लेकर दर्शकों में जिज्ञासा है। इंटरनेट पर इसका ट्रेलर लगभग आठ करोड़ लोग देख चुके हैं और अर्जुन कपूर व श्रद्धा कपूर की जोड़ी के प्रति दर्शकों की चाहत के अलावा इसके हिट होते गीतों का भी इसे सहारा मिलना तय है। हालांकि इस फिल्म के डायरेक्टर मोहित सूरी की गिनती अव्वल दर्जे के निर्देशकों में नहीं होती है लेकिन युवा मन को भाने वाली ‘कलयुग’, ‘आवारापन’, ‘राज-द मिस्ट्री कन्टिन्यूज’, ‘मर्डर 2’, ‘एक था विलेन’ और इन सबसे ऊपर ‘आशिकी 2’ जैसी फिल्में देने के बाद उनका अपना एक प्रशंसक वर्ग तैयार हो चुका है जो उनकी फिल्मों की तरफ आशा भरी निगाहों से देखता है। इस फिल्म को एंटरटेनमैंट, एंटरटेनमैंट, एंटरटेनमैंट परोसने में यकीन रखने वाली एकता कपूर ने बनाया है और निर्माताओं में खुद चेतन भगत भी शामिल हैं तो यह उम्मीद भी की ही जा सकती है कि फिल्म में कसावट होगी और यह पटरी से उतरने नहीं पाएगी। बाकी तो इस शुक्रवार को साफ हो ही जाएगा कि यह ‘हाफ गर्लफ्रैंड’ फुल एंटरटेनमैंट दे पाएगी या नहीं।
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