-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
गुजराती-मराठी में ‘ढ’ का मतलब होता है-डफर,
यानी पढ़ाई-लिखाई में ज़ीरो, दिमाग से ठस्स। गुजराती की इस फिल्म में ऐसे ही तीन बच्चे हैं-गुनगुन, बजरंग और वकील जो अहमदाबाद के करीब किसी कस्बे में रहते हैं और पांचवीं क्लास में पढ़ते हैं। पढ़ते क्या हैं, घिसटते हैं, पिटते हैं,
ज़ीरो नंबर लाते हैं। यहां तक कि उनकी टीचर उन्हें यह कह देती है कि तुम्हें तो कोई जादू ही पास करवा सकता है। उन्हें भी यह लगता है कि जब जादूगर सूर्या सम्राट अपने शो में कैसे-कैसे करतब दिखा सकता है तो उन्हें भी पास करवा सकता है। ये तीनों जादूगर को चिट्ठी लिखते हैं और जादूगर इनकी मदद के लिए बीरबल को भेज देता है। बीरबल इनकी मदद करता है और ये तीनों सचमुच डफर से बुद्धिमान बन जाते हैं।
गुजराती-मराठी में ‘ढ’ का मतलब होता है-डफर,
यानी पढ़ाई-लिखाई में ज़ीरो, दिमाग से ठस्स। गुजराती की इस फिल्म में ऐसे ही तीन बच्चे हैं-गुनगुन, बजरंग और वकील जो अहमदाबाद के करीब किसी कस्बे में रहते हैं और पांचवीं क्लास में पढ़ते हैं। पढ़ते क्या हैं, घिसटते हैं, पिटते हैं,
ज़ीरो नंबर लाते हैं। यहां तक कि उनकी टीचर उन्हें यह कह देती है कि तुम्हें तो कोई जादू ही पास करवा सकता है। उन्हें भी यह लगता है कि जब जादूगर सूर्या सम्राट अपने शो में कैसे-कैसे करतब दिखा सकता है तो उन्हें भी पास करवा सकता है। ये तीनों जादूगर को चिट्ठी लिखते हैं और जादूगर इनकी मदद के लिए बीरबल को भेज देता है। बीरबल इनकी मदद करता है और ये तीनों सचमुच डफर से बुद्धिमान बन जाते हैं।

