-दीपक दुआ...
अमेरिका की ऑस्कर अकादमी से मेल आया है। ‘सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म’ (जिसे पहले ‘विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ कहा जाता था) के पुरस्कार के लिए इस बार भारत ने मलयालम की ‘जल्लीकट्टू’ को भेजा है। भारत के अलावा 92 और देशों से फिल्में इस मुकाबले में उतरी हैं। उन फिल्मों और उनके देशों के नाम ये हैं, देख लीजिए-
किसी गांव की प्राथमिक पाठशाला में एक मास्साब (मास्टर साहब) आए। आए तो पाठशाला की हालत खस्ता थी। असली की जगह नकली टीचर पढ़ा रहे थे। बच्चे भी बस मिड-डे मील के लालच में आते, घटिया खाना खाते और निकल लेते। मास्साब ने सुधार लाने शुरू किए तो धीरे-धीरे पाठशाला के साथ-साथ वहां के बच्चों, उस गांव और गांव के लोगों तक में सुधार आने लगा। कुछ समय बाद जब मास्साब वहां से विदा हुए तो पूरे गांव की आंखों में आंसू थे।
-दीपक दुआ...
फिल्म समीक्षकों की संस्था ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ हर साल की तरह इस बार भी ‘क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड’ देने जा रही हैं। इस गिल्ड के सदस्यों में देश भर के नामी फिल्म समीक्षक हैं। इस बार होने जा रहे अवार्ड्स के लिए साल 2020 में रिलीज़ हुई ढेरों वेब-सीरिज़ को क्रिटिक्स की कई टीमों ने देखा और कई राउंड्स के बाद उनमें से चुनिंदा सीरिज़ को फाइनल में जगह मिली। अब इन सीरिज़ को गिल्ड के तमाम सदस्य रैंकिंग दे रहे हैं जिनमें से सर्वश्रेष्ठ को पुरस्कृत किया जाएगा। आप लोगों ने भी ये वेब-सीरिज़ देखी होंगी। आपकी नज़र में इन नामांकनों में से किसे अवार्ड मिलना चाहिए,
देखें और बताएं-
-दीपक दुआ...
भारत के चुनिंदा फिल्म समीक्षकों की संस्था ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ हर साल की तरह इस बार भी ‘क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड’ देने जा रही हैं। अनुपमा चोपड़ा की अध्यक्षता वाली इस गिल्ड के सदस्यों में देश भर के नामी फिल्म समीक्षक हैं। इस बार होने जा रहे अवार्ड्स के लिए आईं सैंकड़ों शॉर्ट-फिल्मों को क्रिटिक्स की कई टीमों ने देखा और कई राउंड्स के बाद चुनिंदा फिल्मों को फाईनल में जगह मिली। अब इन फिल्मों को गिल्ड के तमाम सदस्य रैंकिंग दे रहे हैं जिनमें से सर्वश्रेष्ठ को पुरस्कृत किया जाएगा। इन फिल्मों में से काफी सारी किसी न किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। चाहें तो आप भी इन्हें देख सकते हैं। कुछ के लिंक इस आलेख में भी हैं। आइए, ज़रा इन पांच पुरस्कारों के लिए नामांकित हुई फिल्मों पर नज़र डालें-