-दीपक दुआ...
हर साल नवंबर के महीने में गोआ में आयोजित किए जाने वाले भारत के सबसे बड़े फिल्मी मेले ‘भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह’ यानी इफ्फी पर भी कोरोना की मार पड़ी और पिछले साल की बजाय यह समारोह अब 16 से 24 जनवरी तक होने जा रहा है। इस समारोह का एक बड़ा आकर्षण रहता है इसका प्रतियोगिता खंड जिसमें दुनिया की चुनिंदा बेहतरीन फिल्में आकर आपस में टकराती हैं और एक ख्यात जूरी इन्हें 90 लाख रुपए के पांच पुरस्कार देती है। इस साल 15 फिल्में इस खंड में शामिल की गई हैं।
इस साल के प्रतियोगिता खंड में भारत की तरफ से कृपाल कलिता की ‘ब्रिज’,
सिद्धार्थ त्रिपाठी की ‘ए डॉग एंड हिज़ मैन’ और गणेश विनायकन की ‘थाएन’ के अलावा पुर्तगाल के टियागो गुदेस की ‘द डोमेन’,
डेनमार्क से एंडर्स रेफ्न की ‘इन टू द डार्कनेस’,
कामेन कलेव की ‘फेब्रुएरी’ (बुल्गारिया,
फ्रांस),
निकोलस मॉरे की ‘माई बैस्ट पार्ट’ (फ्रांस),
पियोत्र दोमालेवेस्की की ‘आई नेवर क्राई’ (पोलैंड,
आयरलैंड),
चिली से लियोनार्दो मेडेल की ‘ला वेरोनिका’,
दक्षिण कोरिया से शिन सू-वान की ‘लाइट फोर द यूथ’,
स्पेन से लोइस पटिनो की ‘रेड मून टाइड’,
ईरान से अली घवितन की ‘ड्रीम अबाउट सोहराब’,
रामिन रासौली की ‘द डॉग्स डिडन्ट स्लीप लास्ट नाइट’ (अफगानिस्तान,
ईरान) और ताईवान से को चेन-निएन की ‘द साईलैंट फॉरेस्ट’ शामिल की गई हैं।
इन फिल्मों को देखने और पुरस्कृत करने का ज़िम्मा जिस जूरी को दिया गया है उसकी अगुआई अर्जेंटीना के फिल्मकार पाब्लो सीज़र करेंगे। उनके अलावा जूरी में श्रीलंकाई फिल्मकार प्रसन्ना विथानागे,
ऑस्ट्रिया से अबू बकर शॉकी,
बांग्लादेश से रुबाईयत हुसैन और भारतीय फिल्मकार प्रियदर्शन होंगे। ये लोग तय करेंगे कि बैस्ट फिल्म का 40
लाख रुपए,
बैस्ट डायरेक्टर का 15
लाख रुपए,
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का 10-10
लाख रुपए और 15
लाख रुपए की राशि वाला स्पेशल जूरी पुरस्कार किसे दिया जाएगा।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज़ से घुमक्कड़। अपने ब्लॉग ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं,
न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
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