-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
कभी ऐसा भी होता है न कि रेडियो सुनते-सुनते किसी आर.जे. के साथ इश्क हो जाए? इश्क न सही, उस आर.जे. के साथ, उसके अल्फाज़ों के साथ, एक राब्ता-सा तो जुड़ने ही लगता है। निर्देशक ओनिर की यह फिल्म एक ऐसे ही आर.जे. और गलती से उसे फोन कर बैठी एक लड़की की भीगी-भीगी कहानी दिखाती है।
यह फिल्म न सिर्फ अलग तरह से कहानी कहती है बल्कि यह आज के उस समाज को दिखाती है जहां सोशल मीडिया इतना ज्यादा हावी हो चुका है कि इंसान के पास अपने लिए वक्त ही नहीं है।

आर.जे. अल्फाज़ कोलकाता में देर रात रेडियो पर लोगों को वे कहानियां सुनाता है जो वह लोगों से मिल कर इक्ट्ठा करता है। लेकिन खुद उसकी क्या कहानी है, उसका क्या स्याह अतीत है, कोई नहीं जानता। या जानना नहीं चाहता। मुमकिन है वह खुद ही किसी को बताना नहीं चाहता। उधर खुशमिज़ाज अर्चना है जिसके चेहरे और बदन पर सफेद दाग हैं। सोशल मीडिया के जरिए वह लड़कों से ब्लाइंड-डेट पर मिलती है और उनके चेहरे के बदलते रंग देख कर मजे लेती है। एक दिन ये दोनों गलती से आपस में जुड़ जाते हैं और फिर... जुड़ते चले जाते हैं।
ओनिर अलग किस्म के फिल्मकार हैं। अपनी फिल्मों में वह बॉक्स-ऑफिस को लुभाने के तो छोड़िए, दर्शकों तक को रिझाने के फॉर्मूलों का इस्तेमाल करने तक से परहेज करते आए हैं। कहानी कहते समय लीक से हट कर वह अपने रास्ते खुद बनाते हैं, अपना एक अलग संसार रचते हैं। यही वजह है कि उनकी फिल्मों को पर्दे पर पारंपरिक तरीके से कहानी देखने के शौकीनों का साथ नसीब नहीं हो पाता। हालांकि अपनी पिछली फिल्म ‘शब’ में ओनिर ने मुझे भी काफी निराश किया था। लेकिन इस बार वह एक सौंधी खुशबू के साथ आए हैं। बिना कोई लंबी-चौड़ी फिलॉसफी बघारे वह अपने भीतर झांकने, अपने मन में पडी गाठों को खोलने और हर पल को खुल कर जीने की बात करते हैं।

ज़ेन खान दुर्रानी की यह पहली फिल्म है लेकिन अल्फाज़ के किरदार को उन्होंने शिद्दत से निभाया है। गीतांजलि थापा तो खैर उम्दा कलाकार हैं ही। मोना अंबेगांवकर अपनी मौजूदगी का अहसास कराती हैं। श्रेय राय तिवारी भी जम कर सपोर्ट करते हैं। अल्फाज़ों के जरिए मन को भिगोने में कामयाब रही है यह फिल्म।
अपनी रेटिंग-तीन स्टार
दीपक जी
ReplyDeleteआपका हर रिव्यू फिल्म देखने या न देखने के लिए प्रेरित करता है। सादगी से भरपूर आपके द्वारा की गई टिप्पणी गज़ब होती है।
शुक्रिया, आभार, रोशन जी... आपके शब्द मेरा हौसला बढ़ाते हैं...
DeleteSir Ji bht acha likhte h ap .... ��
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