Thursday, 29 November 2018

रिव्यू-‘2.0’-शानदार दृश्यों में लिपटी खोखली फिल्म

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
आठ बरस पहले आई रोबोटमें डॉ. वसीकरन के बनाए रोबोट चिट्टी को समाज के लिए खतरनाक मान कर सरकार ने लैब में बंद कर दिया था। लेकिन अब उसकी ज़रूरत आन पड़ी है। खतरा है ही इतना बड़ा कि सिर्फ चिट्टी ही उससे निबट सकता है। और यह खतरा है मोबाइल फोन से। सारे शहर के मोबाइल फोन अचानक उड़ कर गायब हो चुके हैं। कौन कर रहा है ऐसा और क्यों? वसीकरन और चिट्टी कैसे निबटेंगे उससे?

Friday, 23 November 2018

ओल्ड रिव्यू-‘तमाशा’ नाटक नहीं नौटंकी है

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
बनना कुछ चाहते थे, बन कुछ गए। या फिर करना कुछ और चाहते थे और कर कुछ और रहे हैं। इस आइडिया पर हिन्दी फिल्में बनाने वाले व्यापारीहमें इतना कुछ परोस चुके हैं कि अब इस आइडिया के नाम से ही कोफ्त होने लगती है। लेकिन इमित्याज अली कुछ लेकर आएं तो लगता है कि उसमें कुछ अलग होगा। माल अलग नहीं हुआ तो उसे परोसने का अंदाज ही अलग होगा। इस फिल्म में वही है। कहानी पुरानी अंदाज नया। मगर क्या यह अंदाज रोचक भी है? कत्तई नहीं।

Wednesday, 21 November 2018

ओल्ड रिव्यू-‘एक्स-पास्ट इज़ प्रेज़ेंट’-कुछ खास लोगों के लिए

-दीपक दुआ...
हर फिल्म हर किसी के लिए नहीं होती। जब बड़ी-बड़ी मनोरंजन प्रधान फिल्मों को गरियाने और नापसंद करने वाले मिल जाते हैं तो ऐसे में छोटे बजट और अलग मिजाज की फिल्मों की तो बिसात ही क्या। एक्स-पास्ट इज़ प्रेज़ेंट’ जिस फ्लेवर की फिल्म है, अव्वल तो उसे समझने वाले ही कम होंगे। समझ भी गए तो पसंद करेंगे या नहीं, यह भी साफ नहीं है। असल में इस किस्म की फिल्में खुद को और एक बेहद सीमित दर्शक वर्ग को ही संतुष्ट कर पाती हैं। अपने यहां जिसे हम फेस्टिवल सिनेमाकहते हैं, यानी ऐसी फिल्म जो फिल्म समारोहों के बौद्धिक वातावरण में ही ज्यादा देखी और सराही जाती हैं, उस किस्म की फिल्म है यह।

Friday, 16 November 2018

रिव्यू-बाज़ार में तब्दील होते समाज का किस्सा-‘मोहल्ला अस्सी’

-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
‘‘शहर बनारस के दक्खिनी छोर पर गंगा किनारे बसा ऐतिहासिक मुहल्ला अस्सी। अस्सी चौराहे पर भीड़-भाड़ वाली चाय की एक दुकान। इस दुकान में रात-दिन बहसों में उलझते, लड़ते-झगड़ते गाली-गलौज करते कुछ स्वनामधन्य अखाड़िए बैठकबाज। इसी मुहल्ले और दुकान का लाइव शो है यह कृति।’’