-दीपक दुआ...
हर साल ईद पर सलमान खान की फिल्म का आना और छाना एक रिवायत बन चुकी है। इस बार ‘ट्यूबलाइट’ इस परंपरा को कितना आगे ले जा पाएगी, यह देखने के लिए अब बस थोड़ा ही इंतजार बाकी है।
ईद यानी सेवइयां, मिठाइयां, नए कपड़े और... भाई की फिल्म। जी हां, ईद के मौके पर सलमान खान की फिल्म न आए तो लगता है जैसे ठीक से ईदी न मिली हो। पिछले कई साल से इस मौके पर सलमान की कोई न कोई फिल्म आकर दर्शकों को भरपूर मनोरंजन देती रही है और अब आलम यह है कि ईद के मौके पर फिल्म वाले खुद पीछे हट कर सलमान को आगे आने देते हैं। बाॅक्स-आॅफिस विश्लेषक विनोद मिरानी कहते हैं, ‘सलमान अकेले ऐसे स्टार हैं जिनकी फिल्में उनके स्टारडम के बूते पर भीड़ खींचती हैं जबकि बाकी सितारों की फिल्मों में ज्यादातर लोग पहले रिव्यू देखते हैं और रिपोट्र्स का इंतजार करते हैं।’
हालांकि अभी तक भी यह साफ नहीं हो पाया है कि ‘ट्यूबलाइट’ में आखिर होगा क्या? लेकिन फिल्म के ट्रेलर और इससे जुड़े लोगों के इंटरव्यूज से जो छन कर आ रहा है उससे यह पता चलता है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि में यह फिल्म प्यार-मोहब्बत का संदेश तो देगी ही, देशभक्ति का छौंक भी इसमें लगा होगा। वैसे भी पिछले कुछ समय से सलमान खान की फिल्में अब साधारण हीरो-हीरोइन वाली कहानियों से हटी हैं और भाई ने भी अपनी छिछोरे नायक वाली इमेज से हटते हुए ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘सुलतान’ जैसी जो फिल्में की हैं, उससे भी इस फिल्म को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं।
वैसे फिल्म इंडस्ट्री के ही एक तबके के अलावा काफी सारे दर्शकों को भी यह लग रहा है कि ‘टयूबलाइट’ के ट्रेलर में वह बात नहीं है जो सलमान की फिल्मों में होती है और हो सकता है कि यह फिल्म शुरूआती बुलबुला फूटने के बाद शांत हो जाए। विनोद मिरानी कहते हैं, ‘मुमकिन है यह इस फिल्म की मार्केटिंग का ही हिस्सा हो कि दर्शकों को एकदम से सब कुछ न बता कर धीरे-धीरे बताया जाए ताकि रिलीज तक आते-आते उनकी उत्सुकता शिखर पर पहुंच जाए।’
रमजान के चार हफ्ते के सूखे कारोबार के बाद ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद के अगल-बगल आने वाले शुक्रवार की गिनती साल के ऐसे चंद मौकों में की जाती है जब कोई बहुत बड़ी फिल्म आकर मैदान कब्जाती है। दरअसल फिल्म इंडस्ट्री के कारोबारी यह मानते हैं कि ईद या दीवाली जैसे बड़े त्योहारों के दिनों में आम आदमी खुशियां मनाने के मूड में होता है। यही कारण है कि ईद पर किसी बड़ी फिल्म के आने का ऐलान साल भर पहले से हो जाता है और अगर वह फिल्म सलमान भाई की हो तो फिर कहना ही क्या।
2009 में ‘वांटेड’, 2010 में ‘दबंग’, 2011 में ‘बाॅडीगार्ड’, 2012 में ‘एक था टाईगर’ जैसी लगातार कामयाबियों के बाद 2013 में भले ही सलमान की गैरमौजूदगी में शाहरुख खान की ‘चैन्नई एक्सप्रैस’ ने आकर अच्छी कमाई की हो मगर 2014 में सलमान लौट आए और ‘किक’ जैसी औसत दर्जे की फिल्म देने के बावजूद इसे सुपरहिट का खिताब दिलवा गए। फिर 2015 में तो उन्होंने ‘बजरंगी भाईजान’ से न सिर्फ सफलता पाई बल्कि अपने लिए ढेरों प्यार और तारीफें भी ले उड़े। 2016 की ईद पर सलमान ने ‘सुलतान’ से फिर मैदान मारा और अब वह ‘ट्यूबलाइट’ के साथ आ रहे हैं। चर्चाओं का बाजार गर्म है और संभावनाओं की बौछार के साथ-साथ आशंकाओं के बादल भी मंडरा रहे हैं। भाई और उनकी फिल्म कितनी चमक बिखेरेंगे, यह जल्द ही सबके सामने होगा।
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