-दीपक दुआ...
नायक सिर्फ सिनेमा, खेल और राजनीति में ही नहीं होते। हमारे-आपके बीच में भी ऐसे ढेरों लोग मौजूद हैं जिन्होंने किसी न किसी तरह से समाज को बदलने,
बेहतर बनाने में महती भूमिका निभाई है,
निभा रहे हैं। ऐसे ही 32 लोगों के सफलता पाने की प्रेरणादायक कहानियां हैं इस किताब ‘हीरोज़ एमन्गस्ट अस’ में जिसे लिखा है ‘ब्लॉगर्स एलायंस’ के डॉ. अमित नागपाल ने। इन लोगों में भिक्खु संघसेना हैं जिन्होंने भारतीय सेना छोड़ कर बौद्ध भिक्षु बनने की राह पकड़ी और जब लौट कर लद्दाख गए तो वहां विकास की सुस्त रफ्तार देख कर अपने जन्मक्षेत्र को सुधारने में लग गए।
सिद्धार्थ बालकृष्ण, शेन बारकर, सिंगापुर में रहने वाली मालजी भोजवानी,
छोटा उदयपुर के शाही परिवार की राजेश्वरी चैहान, मिस अर्थ रह चुकीं प्रियंका खुराना गोयल,
स्मिता नायर जैन,
ओसामा मंजर, शलभ मिततल, लेखिका वर्तिका नंदा, फिल्मकार ओनिर,
भारतीय नौसेना में कमांडर रह चुके और फिलहाल स्टैंडअप कॉमेडी करने वाले मनीष त्यागी जैसे दुनिया भर में फैले और बहुत कुछ सार्थक कर रहे इन लोगों के बारे में पढ़ कर आप ज़बर्दस्त प्रेरणा हासिल कर सकते हैं।
इन्हीं कहानियों में से एक है मेरे मित्र फिल्म समीक्षक मुर्तजा अली खान की कहानी। वही मुर्तजा जिन्हें बचपन से ही सिनेमा का ऐसा चस्का लगा कि इंजीनियरिंग व एम.बी.ए. करने और एक नामी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के बावजूद उन्होंने सब छोड़-छाड़ कर फिल्मों के बारे में लिखने को अपना पेशा बनाया और आज जिनकी गिनती देश के चुनिंदा सधे हुए फिल्म समीक्षकों में होती है।
इस किताब को पढ़ते हुए भरपूर आनंद आता है और मन होता है कि इसका हिन्दी संस्करण भी आए ताकि हिन्दी के पाठक भी इस आनंद को हासिल कर सकें।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज़ से घुमक्कड़। अपने ब्लॉग ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं,
न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी.
से भी जुड़े हुए हैं।)
मुर्तज़ा भाई तक हमारी शुभकामनाएं प्रेषित कीजियेगा 😍🙏
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