-दीपक दुआ...
कॉलेज लाइफ की कहानियां, होस्टल लाइफ की कहानियां, दिल्ली शहर की कहानियां, आई.ए.एस. बनने वालों की कहानियां...। हाल के बरसों में नई वाली हिन्दी में इन विषयों पर इतना कुछ आ चुका है कि अब ऐसे किसी विषय पर आए उपन्यास को छूने का भी मन न करे। हिन्द युग्म से आए इस उपन्यास को भी पढ़ना शुरू किया तो लगा कि सत्य व्यास के ‘बनारस टॉकीज़’ और नीलोत्पल मृणाल के ‘डार्क हॉर्स’ को पढ़ने के बाद इसमें नया कुछ नहीं मिलने वाला। लेकिन धीरे-धीरे यह कहानी अपनी एक अलग राह तलाशने लगती है और बहुत जल्द उस राह पर सरपट भी हो जाती है।
-दीपक दुआ... (Featured in IMDb Critics Reviews)
किसी संवेदनशील विषय को कैसे उठाया जाता है इसे निर्देशक शुजित सरकार करीब सात साल पहले आई अपनी पिछली और पहली फिल्म ‘यहां’
में दिखा चुके हैं। कश्मीर के हालात की पृष्ठभूमि में एक आतंकवादी की बहन और एक फौजी अफसर की प्रेम कहानी दिखाने के बाद अपनी इस फिल्म में शुजित स्पर्म डोनेशन जैसे अनछुए विषय की पृष्ठभूमि में एक पंजाबी लड़के और एक बंगाली लड़की की लव स्टोरी लेकर आए हैं।
-दीपक दुआ...
15 जून,
2001-शुक्रवार। दिल्ली के प्लाज़ा सिनेमा में दोपहर 12 बजे के शो में फिल्म समीक्षकों को ‘गदर-एक प्रेमकथा’ दिखाई गई। थिएटर के बाहर-भीतर की भीड़, फिल्म देख कर निकले दर्शकों के उत्साह और खुद अपने आकलन से यह तय हो चुका था कि हम अभी-अभी एक ऐसी फिल्म देख कर निकले हैं जो न सिर्फ सुपरहिट होने जा रही है बल्कि आने वाले कई दशकों तक इसे देखा और याद किया जाएगा। बावजूद इसके हमें इंतज़ार था ‘शीला’ सिनेमा में साढ़े चार बजे शुरू होने वाले ‘लगान’ के शो का। अपनी पौने तीन घंटे की लंबाई के चलते आम फिल्मों की तरह एक दिन में चार नहीं बल्कि तीन शो में चल रही यह फिल्म निर्माता के तौर पर आमिर खान की पहली फिल्म थी। फिल्म के बारे में कई साल से चर्चाएं हो रही थीं और छन-छन कर जो कहानियां बाहर आई थीं उनसे साफ था कि यह हिन्दी सिनेमा की चंद अनोखी, अकल्पनीय फिल्मों में से होगी। कैसी होगी, यही देखना था। हालांकि इससे करीब पांच महीने पहले आमिर ‘मेला’
जैसी घटिया और नाकाम फिल्म दे चुके थे लेकिन ‘लगान’ के प्रति फिल्म इंडस्ट्री, मीडिया और दर्शकों में ज़बर्दस्त उत्साह था। खुद मेरे मन में आमिर की छवि के चलते यह उम्मीद जवां थी कि चाहे कुछ हो,
‘लगान’ एक उम्दा फिल्म ज़रूर होगी। उसी शाम ‘शीला’ सिनेमा में इस बात की पुष्टि भी हो गई।