-दीपक दुआ...
दिवाली आए और धमाके न हों तो कुछ सूना-सूना, सूखा-सूखा सा लगने लगता है। अपने फिल्मी पर्दे पर भी अगर दिग्गज न भिड़ें तो दिवाली वाली फीलिंग ही नहीं आती। इस नजर से देखें तो पिछले तीन साल से दिवाली सचमुच सूनी और सूखी ही जा रही थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने वाला। बड़े बजट और बड़े नाम वाली दो फिल्में एक-दूसरे के सामने आ डटी हैं और खम ठोंक रही हैं। फिल्मी कारोबारी भी दम साधे इंतजार कर रहे हैं कि दर्शकों की पसंद का ऊंट किस फिल्म के पक्ष में बैठेगा।
‘हॉट’ होती है दीवाली
साल के 52 शुक्रवारों में से कम ही होते हैं जिन्हें फिल्मी कारोबार के लिहाज से ‘हॉट’ का दर्जा दिया जाता है। ईद, दिवाली, क्रिसमस, 15 अगस्त जैसे इन इने-गिने मौकों में से सबसे ज्यादा कारोबार की उम्मीद दीवाली वाले हफ्ते से लगाई जाती है। और जहां बाकी दिनों में फिल्म वाले एक साथ दो या ज्यादा बड़ी फिल्मों को एक साथ लाने से बचते हैं वहीं दीवाली पर वे अपने से बड़े बैनर और सितारों वाली फिल्म से टकराने से भी पीछे नहीं हटते। लेकिन पिछले तीन साल से बॉक्स-ऑफिस पर ऐसी कोई टक्कर नहीं दिख रही थी। 2012 में शाहरुख खान वाली ‘जब तक है जान’ और अजय देवगन वाली ‘सन ऑफ सरदार’ के एक साथ इस मौके पर रिलीज होने पर काफी हंगामा हुआ था। मगर उसके बाद 2013 में हृतिक रोशन वाली ‘कृष 3’, 2014 में शाहरुख खान वाली ‘हैप्पी न्यू ईयर’ और पिछले बरस 2015 में सलमान खान वाली ‘प्रेम रतन धन पायो’ ने अकेले आकर बाजार लूटा था। पर 2016 की दिवाली टिकट-खिड़की पर बिग-साइज पटाखे लेकर आ रही है। एक तरफ करण जौहर के डायरेक्शन में रणबीर कपूर वाली ‘ऐ दिल है मुश्किल’ होगी तो उसके सामने डायरेक्टर-एक्टर अजय देवगन की ‘शिवाय’ खड़ी होगी। फैसला किसके हक में होगा, यह दर्शकों ने तय करना है।
'शिवाय' का है इंतजार
यूं तो इस दिवाली पर आ रही दोनों बड़ी फिल्मों के अपने-अपने चाहने वाले होंगे लेकिन फिल्म इंडस्ट्री से जो हवा बह कर आ रही है, वह बताती है कि शुरूआती तौर पर ‘शिवाय’ का पलड़ा भारी रहने वाला है। शानदार लोकेशंस पर शूट किए गए जबर्दस्त एक्शन वाली यह फिल्म असल में एक पिता-पुत्री के रिश्ते को उकेरती है। अजय देवगन कहते हैं, ‘यह एक इमोशनल ड्रामा है, एक ऐसे इंसान के बारे में जो अपने परिवार के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।’ अजय के डायरेक्शन में यह दूसरी फिल्म होगी। बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म ‘यू मी और हम’ करीब साढ़े आठ साल पहले आई थी और
बॉक्स-ऑफिस पर काफी हल्की रही थी। इस लिहाज से एक निर्देशक के तौर पर यह फिल्म उनके लिए अग्नि-परीक्षा साबित होने वाली है। बतौर एक्टर देखें तो उनकी पिछली फिल्म ‘फितूर’ एक फ्लॉप फिल्म थी मगर उसमें उनका काफी छोटा रोल था। बतौर नायक वह आखिरी बार पिछले साल ‘दृश्यम’ में आए थे और काफी बेहतरीन एक्टिंग करते हुए दिखे थे। ‘शिवाय’ की प्रेंजेटर कंपनी पैन एंटरटेनमैंट के जयंतीलाल गाडा कहते हैं कि अजय ने बहुत ही सधा हुआ डायरेक्शन दिया है और यह फिल्म इस साल की सबसे बड़ी हिट साबित होने वाली है। क्या ऐसा हो पाएगा, जवाब इस दिवाली पर मिलेगा।
'दिल' की राह मुश्किल
करण जौहर के डायरेक्शन में रणबीर कपूर जैसे युवाओं के चहेते हीरो की कोई लव-स्टोरी आ रही हो तो उस पर करोड़ों लोगों की निगाहें जमना स्वाभाविक है। ‘ऐ दिल है मुश्किल’ पर भी सबकी नजर है। करण के खास टच वाली इस फिल्म में अनुष्का शर्मा और ऐश्वर्या राय बच्चन भी हैं और इन दोनों के चाहने वालों की भी कोई कम लंबी कतार नहीं है। लेकिन यह फिल्म ‘शिवाय’ के मुकाबले कम ‘हॉट’ दिखाई दे रही है तो इसके पीछे कई सारे कारण हैं। पहला कारण तो खुद करण ही हैं जिन्होंने बतौर डायरेक्टर अपने लिए जो साख अपनी पहली दो फिल्मों-‘कुछ कुछ होता है’ और ‘कभी खुशी कभी गम’ से अर्जित की थी, वह उनकी तीसरी फिल्म ‘कभी अलविदा न कहना’ से धुंधली होनी शुरू हुई और उसके बाद ‘माई नेम इज खान’ से होती हुई ‘स्टूडैंट ऑफ द ईयर’ तक आते-आते काफी हल्की पड़ गई। शायद यही वजह है कि करण इस बार एक इमोशनल लव-स्टोरी लेकर आ रहे हैं। इस
कहानी में चार प्रमुख किरदार हैं और यही चौथा किरदार ही इस फिल्म के लिए एक मुश्किल बन कर उभर रहा है। दरअसल इसे निभाया है फवाद खान ने जो एक पाकिस्तानी अभिनेता हैं और पिछले दिनों पड़ोसी मुल्क और उसके कलाकारों को लेकर अपने यहां जो माहौल बना है वैसे में फवाद की इस फिल्म में मौजूदगी इसकी राह में रोड़े अटका रही है। जहां रणबीर कपूर 2013 में आई ‘यह जवानी है दीवानी’ के बाद से एक सफल फिल्म के लिए तरस रहे हैं वहीं अपनी दूसरी पारी में ‘जज़्बा’ और ‘सरबजीत’ में एक किस्म की ‘चरित्र-भूमिकाएं’ निभा चुकीं ऐश्वर्या राय बच्चन को 43 की उम्र में खुद से 11 बरस छोटे रणबीर के साथ पर्दे पर इश्क फरमाते देखना कितने दर्शकों को सुहाएगा, यह सवाल भी इस समय मौजूं है।
कहानी में चार प्रमुख किरदार हैं और यही चौथा किरदार ही इस फिल्म के लिए एक मुश्किल बन कर उभर रहा है। दरअसल इसे निभाया है फवाद खान ने जो एक पाकिस्तानी अभिनेता हैं और पिछले दिनों पड़ोसी मुल्क और उसके कलाकारों को लेकर अपने यहां जो माहौल बना है वैसे में फवाद की इस फिल्म में मौजूदगी इसकी राह में रोड़े अटका रही है। जहां रणबीर कपूर 2013 में आई ‘यह जवानी है दीवानी’ के बाद से एक सफल फिल्म के लिए तरस रहे हैं वहीं अपनी दूसरी पारी में ‘जज़्बा’ और ‘सरबजीत’ में एक किस्म की ‘चरित्र-भूमिकाएं’ निभा चुकीं ऐश्वर्या राय बच्चन को 43 की उम्र में खुद से 11 बरस छोटे रणबीर के साथ पर्दे पर इश्क फरमाते देखना कितने दर्शकों को सुहाएगा, यह सवाल भी इस समय मौजूं है।
टक्कर तो आएगा मजा
दिवाली के मौके पर फिल्मों की रिलीज के आगे-पीछे होने की खींच-तान होती है मगर इस बार ऐसा नहीं होने वाला। ये फिल्में 28 अक्टूबर यानी शुक्रवार के तय दिन पर ही रिलीज होंगी क्योंकि दिवाली रविवार 30 अक्टूबर की है। उसके बाद गोवर्धन और भैया दूज की छुट्टी रहेगी। यानी पांच दिन लंबा वीकएंड इन फिल्मों को खेलने-खाने को मिल जाएगा और जल्द ही यह भी साफ हो जाएगा कि किस में असल दम है और कौन देर तक टिक पाएगा। रुझान की बात करें तो जहां ‘शिवाय’ के आॅफिशियल ट्रेलर को अभी तक करीब सवा दो करोड़ लोग देख चुके हैं वहीं ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के साथ यह आंकड़ा करीब सवा करोड़ का ही है। फिर टिकट-खिड़की पर पारिवारिक दर्शकों को खींच कर लाने का माद्दा देखें तो अजय देवगन, रणबीर कपूर से कई कदम आगे हैं। लेकिन असल में क्या होगा, इनमें से कौन-सी फिल्म कितने पानी में होगी और कौन पानी मांगेगी, इसका जवाब तो 28 अक्टूबर को इनकी मुट्ठी खुलने पर ही पता चलेगा।
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