Saturday, 28 December 2019

2019 की फिल्में-कुछ शानदार बाकी मसालेदार

-दीपक दुआ...
हिन्दी फिल्में बनाने वाले भले ही कितनी ऊंची बातें करें लेकिन सच यह है कि हिन्दी सिनेमा टिकट-खिड़की का इस कदर मोहताज हो चुका है कि ज्यादातर फिल्मकार कुछ हट कर दिखाने का बहुत बड़ा साहस नहीं कर पाते। फिल्मकारों पर बाजार का दबाव इस कदर हावी रहता है कि अच्छे कंटैंट वाली फिल्में या तो उभर कर नहीं पातीं या फिर उनमें भी ऐसी चीजें जबरन डालनी पड़ती हैं जो आम दर्शकों को पसंद आएं। फिल्म वालों ने अगर हमें मसाले और चटपटेपन की लत लगाई है तो काफी बड़ा कसूर हम दर्शकों का भी है जो इन मसालों और चटपटेपन से हट कर कुछ देखना ही नहीं चाहते। यही कारण है कि इस साल सबसे ज्यादा कामयाबी पाने वाली ज्यादातर फिल्मों में यही मसाले, यही चटपटापन दिखाई देता है। हम अगर ऐसी ही फिल्में सराहेंगे तो यकीनन फिल्मकार भी हमें ऐसी ही फिल्में देंगे। आइए एक नजर 2019 की फिल्मों पर डालें।

2019 की फिल्मों पर मेरे लिखे विस्तृत आलेख को 28 दिसंबर, 2019 के हरिभूमिअखबार में पूरे पेज पर छापा गया है। हाई-रिज़ोल्यूशन की इस तस्वीर को बड़ा करके इसे पढ़ा जा सकता है। आपके कमेंट्स का इंतज़ार है।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज़ से घुमक्कड़। अपने ब्लॉग सिनेयात्रा डॉट कॉम (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक फिल्म क्रिटिक्स गिल्डके सदस्य हैं और रेडियो टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

1 comment:

  1. Aapka to koi jawaab nahi...Likhne ka andaaz hi aisa h bas..

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