2019 में भले ही बड़े नाम वाले नायकों के दम पर टिकट-खिड़की गुलजार होती रही लेकिन इस साल सुखद बात यह रही कि दूसरी कतार में खड़े नायकों ने अचानक से बढ़त बनाते हुए अपनी प्रतिभा से सबको चौंकाया। इन्होंने यह भी बताया कि अगर इन्हें यूं ही सलीकेदार कहानियों में कायदे के रोल मिलते रहे तो फिर आने वाला कल इनका ही होगा।
2019 के हीरोज़ पर मेरे लिखे विस्तृत आलेख को 28 दिसंबर,
2019 के ‘हरिभूमि’ अखबार में पूरे पेज पर छापा गया है। हाई-रिज़ोल्यूशन की इस तस्वीर को बड़ा करके इसे पढ़ा जा सकता है। आपके कमेंट्स का इंतज़ार है।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज़ से घुमक्कड़। अपने ब्लॉग ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं,
न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी.
से भी जुड़े हुए हैं।)
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