थिएटर और फिल्मों के जाने-पहचाने चेहरे हैं गोपाल सिंह। ‘कंपनी’,
‘ट्रैफिक
सिग्नल’, ‘हेट स्टोरी’, ‘एक हसीना थी’
जैसी
कई फिल्मों में आ चुके गोपाल पिछले दिनों ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक
जाम’ में आए और अब वह मैराथन ब्वाॅय बुधिया पर बनी फिल्म ‘बुधिया सिंह-बोर्न टू
रन’ में आ रहे हैं जो 5 अगस्त,
2016 को
रिलीज हो रही है। आज सुबह ही गोपाल से फोन पर ये फटाफट बातें हुईंः-
-इस फिल्म का नाम तो पहले ‘दूरंतो’
था न?
-हां, लेकिन वायकाॅम 18 ने जब यह फिल्म खरीदी
तो उन्हें लगा कि ‘बुधिया सिंह’ नाम इस के लिए ज्यादा
मुफीद रहेगा क्योंकि लोग बुधिया को नाम से जानते हैं और सिर्फ नाम से ही यह समझ में
आ जाएगा कि यह फिल्म किस बारे में है।
-वायकाॅम जैसी कंपनियों का इस तरह की छोटे बजट
की फिल्मों से जुड़ना कितना फायदेमंद रहता है?
-बहुत ज्यादा। इससे हर किसी को फायदा होता है।
फिल्म का उचित प्रचार होता है, ठीक से इनकी मार्केटिंग
हो जाती है और ऐसी जगहों तक भी फिल्में पहुंच पाती हैं जहां एक छोटा प्रोड्यूसर अपने
दम पर इन्हें नहीं पहुंचा पाता है। हम जैसे कलाकारों को भी संतुष्टि होती है कि जो
काम किया वह लोगों तक पहुंच पाया वरना कई बार तो इस तरह की फिल्में न तो ठीक तरह से
रिलीज हो पाती हैं और न ही देखी जाती हैं।
-‘बुधिया सिंह’ तो बुधिया और उसके कोच
की कहानी है। आप इसमें क्या कर रहे हैं?
-इस फिल्म में मैं उस आदमी का किरदार निभा रहा
हूं जो बुधिया का सौतेला पिता है जिसके साथ उसकी मां रहती है। उसकी और बुधिया के कोच
बिरंची की, जिसका रोल मनोज वाजपेयी ने किया है,
आपस
में हमेशा तनातनी लगी रहती है। मैं यह नहीं कहता कि बहुत बड़ा रोल है,
लेकिन
काफी अहम रोल है और मुझे इसे करके काफी मजा आया।
-आगे क्या कर रहे हैं?
-एक काॅमेडी फिल्म ‘3 देव’
का मुझे
काफी बेसब्री से इंतजार है जिसमें के.केे, करण सिंह ग्रोवर,
जो बिपाशा
बसु के पति हैं, आदि हैं। यह एक जबर्दस्त फिल्म होगी और मुझे
उम्मीद है कि इसकी काफी चर्चा होगी। इसके अलावा मैं इन दिनों एक खास चीज यह कर रहा
हूं कि अभिनेत्री नंदिता दास कुछ पुराने नाटकों को फिल्मों में तब्दील कर रही हैं।
उनके साथ अभी एक फिल्म में काम किया है और आगे भी कुछ करने जा रहा हूं।
-दीपक दुआ
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